अयोध्या, उत्तरप्रदेश।। अयोध्या में बना भगवान राम का मंदिर इन दिनों खूब चर्चा में बना हुआ है. लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को मिली फैजाबाद लोकसभा सीट से हार के बाद अयोध्या खूब सुर्खियां बटोर रहा था. इसी क्रम में एक बार फिर अयोध्या सुर्खियों में है परंतु इस बार कारण ना तो किसी की जीत का है और ना ही किसी की हार का है. इस बार कारण है अयोध्या का विकास.
जी बिल्कुल सरकार ने अयोध्या का विकास इतनी शानदार तरीके से किया की पहली ही बारिश में 844 करोड़ की लागत से बने 13 किलोमीटर के राम पथ पर 13 गड्ढे हो गए. अयोध्या में बनी इन सड़कों का निर्माण जितनी तेजी से हुआ उतनी ही तेजी से उनमें दरारें भी देखने को मिली. इसके बाद से ही लगातार लोंग सरकार पर सवाल उठा रहे हैं. हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार ने इस पर एक्शन लेते हुए पीडब्ल्यूडी के तीन अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है. आपको बता दें जब अयोध्या में निर्माण कार्य चल रहे थे तो सबका जायजा लेने स्वयं प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ आते थे.
सूत्रों से मिली खबर के अनुसार अयोध्या में बना भगवान राम का भाव मंदिर भी पहली बारिश नहीं सह सका. बारिश होते ही मंदिर की छत चूने लगी.मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को बड़ा भव्य बनाया गया था जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के तमाम दिग्गज मौजूद थे. हालांकि मंदिर का कार्य पूर्ण नहीं हुआ था समय से पहले ही उसकी प्राण प्रतिष्ठा कर दी गई थी, जिसका विरोध भारत के जगत गुरु शंकराचार्यों ने भी किया था.
बता दे, लोकसभा चुनाव में फैजाबाद में मिली बीजेपी को हार के बाद से लोंग अयोध्या को सोशल मीडिया पर लगातार ट्रोल कर रहे थे. परंतु अब जाकर उस हार का असली कारण पता लगा है.
अयोध्या की हालत देखने के बाद अब सवाल यह उठ रहे हैं कि जब पहली बारिश में यह हाल है तो जब बरसात का मौसम आएगा तब अयोध्या का क्या हाल होगा? साथ ही सवाल यह भी है की भारतीय जनता पार्टी जिन भगवान राम और अयोध्या के नाम पर राजनीति करती है जिनके नाम पर वोट प्राप्त करती है?क्या उसे वहां हुए भ्रष्टाचार के बारे में पता नहीं लगा?
इन सवालों का जवाब तो गहरी जांच पड़ताल के बाद ही मिलेगा. फिलहाल तो अयोध्या का विकास भ्रष्टाचार के हत्थे चढ़ गया है. अब देखना यह होगा कि सरकार अयोध्या के विकास को भ्रष्टाचार से मुक्त कैसे कराती है?