सतना, उचेहरा/रविशंकर पाठक।।19 साल बाद विशेष योग बन रहे इस सावन को इस बार 59 दिन का होगा। सावन 8 सोमवार मिलेंगे।बता दें कि इस वर्ष सावन 4 जुलाई से प्रारंभ हो रहा है।भक्तो को शिव उपासना के लिए ललितांबा पीठाधीश्वर आचार्य जयराम जी महाराज बताते है कि इस बार अधिकमास ओर पुरषोत्तम मास का मिलन भक्तो को दुर्लभ संयोग के रूप में मिल रहा है।
इस सावन मास में शिव और विष्णु भगवान का दुर्लभ संयोग हो रहा है। सावन मास में हम शिव की भक्ति तो करते है पर इस बार शिव के साथ हरि की भक्ति करने का योग भक्तो को प्राप्त होगा इसे हम हरिहर मिलन कहते है।इसमें आधा पुरषोत्तम ओर आधा शिव का मिलन होगा सावन में शिव भक्तों को शिवालय जाना चाहिए।शिव जी को बेल पत्र अर्पित करना चाहिए।
बेल पत्र शरीर की ऊँचाई से नीचे के पेड़ का नही अर्पित करना चाहिए हमेशा बड़े पेड़ का बेल पत्र ही शिव को अर्पित करना चाहिए।
यदि बेल पत्र न हो तो किसी भी शिवालय में पहले से अर्पित बेल पत्र को धोकर उसे अर्पित करे ये भी न कर सके तो शिवालय के दर्शन अवश्य करे।
इस सावन में महा मृत्युंजय , श्री शिवाय नमस्तुम्भय या ॐ नम शिवाय का जाप करते रहे।
इन मंदिरों में उमड़ता है श्रद्धालुओं का जनसैलाब
सावन का महीना 4 जुलाई से शुरू हो रहा है और उचेहरा के कई मठ मंदिर और शिवालय काफी चर्चित और प्रसिद्ध है।इन मामलों में बता दें कि रमपुरवा धाम स्थित पिपलेश्वर महादेव, सौतन बाबा शिवलिंग, भाकुल बाबा, शिवालय गोवराव, शिव मंदिर रगला, गौरी शंकर मंदिर आदि मंदिरों में श्रद्धालुओं की विशेषता होती है और बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पर पूजन अर्चन करने पहुंचते हैं।
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