सतना ।।जिले में संभावित तिथि 4 अप्रैल से शुरू हो रहे रबी उपार्जन कार्य के सुचारू संचालन और खरीदी केंद्रों की तैयारियों की समीक्षा के लिए शनिवार को कलेक्टर अनुराग वर्मा ने उपार्जन कार्य से संबंधित अधिकारियों और खरीदी केंद्र प्रभारी समिति प्रबंधकों की बैठक में स्पष्ट किया है कि गेहूं उपार्जन में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शिकायतें मिलने पर खरीदी केंद्र प्रभारी और समिति प्रबंधकों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाएगी। जिला पंचायत के सभाकक्ष में संपन्न इस बैठक में सीईओ जिला पंचायत डॉ परीक्षित राव, अपर कलेक्टर राजेश शाही, जिला आपूर्ति अधिकारी केके सिंह, उप पंजीयक सहकारिता के. पटनाकर, नागरिक आपूर्ति निगम जिला प्रबंधक दिलीप सक्सेना, केंद्रीय सहकारी बैंक महाप्रबंधक सुरेश गुप्ता भी उपस्थित रहे।
कलेक्टर ने उपार्जन से जुड़े अधिकारियों से कहा कि जिले में गेहूं उपार्जन का कार्य सुचारू रूप से चले और खरीदी में जिले का नाम खराब नहीं हो, इसके लिए सभी आवश्यक प्रबंध और तैयारियां पूर्ण कर लें। खरीदी केंद्र प्रभारी और समिति प्रबंधकों से उन्होंने कहा कि किसान जिस दिन अपनी उपज लेकर आए, उसी दिन उसकी तौल हो जाए और उसी दिन इंट्री भी सुनिश्चित करें। उपार्जन नीति के अनुसार इस बार कुछ व्यवस्थाएं बदली गई है। इनके बारे में किसानों को जानकारी दें। खरीदी में एफ.ए.क्यू के मानदंडों में भी सुधार किए गए हैं। इस बार उपार्जन के लिए स्लॉट बुकिंग किसान द्वारा खुद की जाएगी, उन्हें मैसेज नहीं भेजे जाएंगे। हर बारदाने पर खरीदी केंद्र और किसान का कोड क्रमांक अनिवार्यतः अंकित करना होगा। ताकि रिजेक्ट होने पर पता चल सके।कलेक्टर ने कहा कि बाहर से आने वाले गेहूं पर विशेष निगाह रखें और सख्ती से रोक लगायें। उपार्जन केंद्रों पर भौतिक एवं अन्य सुविधाएं चाक-चौबंद मिलनी चाहिए। किसानों का भुगतान बायोमेट्रिक होगा। इसलिए उनके आधार लिंक बचत खाते प्राप्त करें। खरीदी केंद्रों में समय पर खरीदी प्रारंभ हो और खरीदे गए स्कंध का परिवहन और भंडारण साथ-साथ सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों से कहा है कि सत्यापन से शेष रहे किसानों के रकबे का सत्यापन 31 मार्च तक हर हाल में पूर्ण कर लें। उन्होंने कहा कि खरीदी केंद्रों में किसी भी तरह की शिकायत मिलने पर खरीदी केंद्र प्रभारी समिति प्रबंधक या स्व-सहायता समूह के विरुद्ध सुनिश्चित कार्यवाही होगी।नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक दिलीप सक्सेना ने बताया कि जिले में गेहूं का उपार्जन संभावित तिथि 4 अप्रैल से किया जाएगा। चना, मसूर एवं सरसों की खरीदी प्रारंभ है, जो 31 मई तक चलेगी। गेहूं के लिए 2015 रुपये प्रति क्विंटल, चना 5230 रुपये, मसूर 5500 रुपये और सरसों 5050 रुपये प्रति क्विंटल की दर से समर्थन मूल्य पर खरीदी की जाएगी।गत वर्ष में गेहूं खरीदी के लिए 137 खरीदी केंद्र थे। जिनसे 4 लाख 54 हजार 163 मीट्रिक टन खरीदी की गई थी। इस वर्ष 136 खरीदी केंद्र प्रस्तावित किए गए हैं। गोदाम स्तरीय केंद्र 44 खोले जाएंगे।
83 हजार 669 किसानों ने कराया पंजीयन
रबी उपार्जन 2022 में जिले के 83 हजार 669 किसानों ने 1 लाख 64 हजार 781 हेक्टेयर क्षेत्र का पंजीयन कराया है। जिनमें गेहूं के लिए 82 हजार 876 किसान, चना के लिए 9614, मसूर के लिए 3032 और सरसों के 5254 किसान शामिल हैं। राजस्व अधिकारियों द्वारा अब तक 25 हजार 988 किसानों के 82216 हेक्टेयर रकबे का सत्यापन किया गया है। अभी 51 हजार 669 किसानों के 78 हजार 837 हेक्टेयर रकबे का सत्यापन किया जाना शेष है। कलेक्टर श्री वर्मा ने एसडीएम और तहसीलदार को 31 मार्च तक शत-प्रतिशत सत्यापन कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं।
किसानों को अपनी स्लॉट बुकिंग स्वयं करनी होगी
उपार्जन नीति के अनुसार इस बार किसानों के मोबाइल पर विक्रय की तिथि के मैसेज भेजें नहीं जाएंगे। किसान अपनी सुविधा के अनुसार विक्रय के लिए स्लॉट बुकिंग स्वयं कर सकेंगे। स्लॉट बुकिंग के लिए दो पारी में 9 बजे से 1 बजे एवं अपरान्ह 2 बजे से 6 बजे के बीच स्लॉट बुक कर सकेंगे। किसान द्वारा विक्रय की जाने वाली उपज की संपूर्ण मात्रा की स्लॉट एक समय ही बुक करेंगे। स्लॉट की वैधता तीन दिवस की होगी। स्लॉट बुकिंग के बाद परिवर्तन नहीं होगा।
उर्पाजन सोमवार से शुक्रवार तक
उपार्जन का कार्य प्रति सप्ताह सोमवार से शुक्रवार तक होगा और इसी अवधि में स्लॉट बुक किए जा सकेंगे। प्रत्येक उपार्जन केंद्र पर गेहूं की तौल क्षमता का निर्धारण पोर्टल पर होगा। जिसके अनुसार प्रति तौल कांटा प्रतिदिन 250 क्विंटल के मान से गणना की जाएगी। प्रत्येक उपार्जन केंद्र पर प्रतिदिन न्यूनतम 1000 कि्ंवटल उपज की तौल के लिए 4 तौल कांटे अनिवार्य रूप से लगाने होंगे।
उपार्जन केन्द्र पर भौतिक एवं अन्य सुविधायें जरुरी
उपार्जन का कार्य प्रारंभ होने से पूर्व सभी भौतिक एवं अन्य सुविधाएं अनिवार्य रूप से पूरी करनी होगी। जिला उपार्जन समिति को इस आशय की रिपोर्ट भी सहकारिता विभाग देगा। इनमें निर्धारित स्पीड का इंटरनेट कनेक्शन, निर्बाध विद्युत जनरेटर की व्यवस्था, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, कंप्यूटर, प्रिंटर, स्केनर, लैपटॉप, बैट्री, जन-सुविधाएं, टेबल, कुर्सी, पेयजल, शौचालय, बिजली, छाया, कैलिब्रेटिड मॉइश्चर मीटर, छन्ना, पंखे, परखी, ब्लोअर, सूचना पटल, बैनर, एफ.ए.क्यू सैंपल, गुणवत्ता के साथ मानदंड, सुरक्षा सुविधाएं, तिरपाल कवर, अग्निशमन यंत्र, रेत, बाल्टी, फर्स्ट एड बॉक्स के अलावा वे ब्रिज न्यूनतम 4 बड़े इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटे, बायोमेट्रिक डिवाइस, प्लास्टिक की सैंपल थैली अनिवार्य रूप से रखनी होगी।
गोदाम संचालक अपने यहां खरीदी केंद्र खोलना चाहे तो उनके पास गोदाम की रिक्त क्षमता तीन हजार मैट्रिक टन से अधिक गोदाम का वैध लाइसेंस, 5 लाख की क्रेडिट लिमिट, वित्तीय मानव संसाधन, गोदाम परिसर में धर्मकांटा, लाइट, बैठक व्यवस्था एवं परिससर को सीसीटीवी कैमरा युक्त होना चाहिए।
एफ.ए.क्यू के नवीन मापदंडो पर ही करें खरीदी
कलेक्टर अनुराग वर्मा ने कहा कि रबी 2022 गेहूं उपार्जन में एफ.ए.क्यू के नवीन मापदंड निर्धारित किए गए हैं। जिसमें स्पेसिफिकेशन की सीमा भी निर्धारित की गई है। गेहूं खरीदी में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करें और नवीन मापदंडों के एफ.ए.क्यू की गुणवत्ता का ही गेहूं उपार्जित करें। बताया गया कि विपणन वर्ष 2022 में नवीन एफ.ए.क्यू मानदंड निर्धारित किया गया है। इसमें स्पेसिफिकेशन की सीमा अनुसार वर्तमान की नमी प्रतिशत 14 से घटाकर 12 प्रतिशत किया गया है। बाह्य पदार्थों की सीमा 0.75 प्रतिशत से घटाकर 0.5 प्रतिशत की गई है। आंशिक क्षतिग्रस्त दाने में 4 प्रतिशत से घटा कर 2 प्रतिशत, सिकुड़े हुये दाने 6 प्रतिशत से कम कर 4 प्रतिशत, अन्य खाद्यान्न के दाने 2 प्रतिशत से घटकर 0.50 प्रतिशत किया गया है। जीवित तत्व में पहले 2 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती होती थी। अब जीवित तत्वविहीन गेहूं ही स्वीकार होगा। इसी प्रकार घुने दाने एक प्रतिशत होने पर 2 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती होती थी, लेकिन अब घुने दाने विहीन गेहूं की खरीदी की जाएगी।उपार्जन के दौरान प्रत्येक बोरे पर उपार्जन केंद्र और किसान का कोड अलग-अलग अंकित करना अनिवार्य होगा। बगैर टैग या बिना सरल क्रमांक अंकन के बोरे पाए जाने पर राशि की कटौती की जाएगी।केन्द्रीय सहकारी बैंक के महाप्रबंधक सुरेश गुप्ता ने कहा कि उपार्जन राशि का किसानों को भुगतान करते समय समितियों द्वारा उन किसानों की ऋण की राशि अवश्य कटौती कर जमा करायें। पिछली बार स्व-सहायता समूहों द्वारा ऐसा नही करने पर स्व-सहायता समूहो पर रिकवरी निकाली गई है।