Satna News :शिक्षा को बढ़ावा देने, शैक्षणिक स्तर पर सुधार लाने के साथ ही शैक्षणिक भवनों को दुरुस्त करने के लिए भले ही शासन द्वारा पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा हो, लेकिन सतना जिले में आज भी कुछ स्कूल ऐसे हैं जो पेड़ के नीचे संचालित हो रहे हैं। हम बात कर रहे हैं जिले के जन शिक्षा केंद्र उचेहरा (Unchehra) के अंतर्गत ग्राम पंचायत इटहा खोखर्रा के मुंगहनी कला में संचालित शासकीय प्राथमिक पाठशाला की, पाठशाला की छात्र संख्या 30 के लगभग है।
ज्ञात हो कि सतना जिला (satna district) मुख्यालय से महज 30 किमी दूर इस विद्यालय को 11 वर्ष पहले खोल दिया गया था लेकिन कभी किसी के मकान में तो कभी किसी के मकान में या फिर शिक्षकों के द्वारा स्वयं किराए पर भवन लेकर स्कूल तो चलाया जा रहा है, लेकिन बच्चों के लिए जरूरी आवश्यकताओं को नजरअंदाज कर दिया जा रहा है। दो दशक से अधिक समय बीत जाने के बावजूद भी ना तो यहां पर कोई पेयजल की व्यवस्था है और नाही मिड डे मील बनाने के लिए रसोई घर का निर्माण कराया गया।
बारिश के समय में बच्चों को एक प्राइवेट कमरे में शिक्षा ग्रहण करना पड़ रहा है, जबकि खुले मौसम में आम के पेड़ के नीचे बच्चों को शिक्षा ग्रहण करना पड़ता है, प्राथमिक शाला मुगहनी कला की हेडमास्टर ने जानकारी देते हुए बताया कि कई वर्षों से विद्यालय भवन की मांग की जा रही है लेकिन अभी तक विद्यालय भवन का निर्माण नहीं किया जा सका, ज्यादातर यहां पर पढ़ने वाले बच्चे आदिवासी अंचल से हैं जिन्हें विद्यालय भवन न होने के कारण कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, वही यहां के स्थानीय निवासी लगातार शासन एवं प्रशासन से विद्यालय भवन की मांग कर रहे हैं, जब इस मामले को लेकर डीपीसी विष्णु त्रिपाठी से बात की गई तो उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि शासन स्तर पर कई बार विद्यालय भवन की मांग की गई है लेकिन भवन अभी तक स्वीकृत नहीं हुआ है।