कैमरा हमारे दैनिक जीवन में एक बहुत ही उपयोगी और मजेदार उपकरण बन गया है, चाहे हम पेशेवर फोटोग्राफर हों या नहीं. विश्व फोटोग्राफी दिवस उन लोगों को एक साथ लाता है जो फोटोग्राफी के लिए जुनून रखते हैं और दुनिया भर में इस कला के बारे में जागरूकता भी फैलाते हैं.
ये कहना गलत नहीं होगा कि यादों को तस्वीरों में कैद करना हम सबको पसंद होता है. एक लोकप्रिय कहावत है कि ‘एक तस्वीर एक हजार शब्दों के बराबर होती है।’ यह कहावत विश्व फोटोग्राफी दिवस के मूल विचार को बहुत अच्छी तरह से बयां सकती है.
आस्था को हमेशा से फ़ोटो खीचने और उसे सुंदर रूप देने में रुचि थी.. एक लड़की होके इस करियर को चुनना किसी चुनौती से कम नहीं, इसका पूरा श्रेय वह अपने माता पिता को देती हैं .. समाज लड़कियों को इस फ़ील्ड में एक अलग नज़र से देखता है जिसका जैसा नज़रिया
आस्था का कहना है, फोटोग्राफर बनने के लिए किताबी कम और प्रेक्टिकल नॉलेज ज्यादा जरूरी है।
फोटोग्राफी में सबसे ज्यादा जरूरी है विजन, कॉन्फिडेंस और हार्ड वर्क .. इसमें सक्सेस धीरे-धीरे ही मिलती है।