85 बटुकों का हुआ सामूहिक उपनयन संस्कार श्री राम संस्कृत महाविद्यालय जानकीकुण्ड के छात्रों ने धारण किया यज्ञोपवीत

चित्रकूट।।,परम पूज्य सदगुरुदेव श्री रणछोड़दास जी महाराज की पावन तपोस्थली एवं उनके कर कमलों से चित्रकूट के जानकीकुण्ड में स्थापित गुरुकुल श्री राम संस्कृत महाविद्यालय अंतर्गत श्री रघुवीर मन्दिर (बड़ी गुफा) के 85 बटुकों का सामूहिक उपनयन संस्कार वैदिक मंत्रोच्चार के साथ चैत्र शुक्ल द्वादशी को प्रातःकाल में संपन्न हुआ | इस अवसर पर ग्रहशांति यज्ञ, गुरुपूजन, मंत्रदीक्षा, दण्डधारण एवं भिक्षाटन के विधान मंदिर परिसर में आचार्यों के निर्देशन में संपन्न किये गए | इस अवसर पर बटुकों के माता-पिता, गुरुकुल के आचार्यगण एवं सदगुरु परिवार के सदस्य उपस्थित रहे | इसी के साथ गुरुदेव श्री रणछोड़दास जी महाराज के शिष्य एवं संस्कृत गुरुकुल के प्रथम विद्यार्थी ब्रम्हलीन स्वामी हरिचरणदास जी महाराज गोंडल का षोडशी भण्डारा भी आयोजत किया गया, जिसमें उपस्थित सभी ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रधांजलि समर्पित की | डॉ.जैन ने बतलाया के स्वामी हरिचरणदास जी महाराज इसी गुरुकुल के छात्र भी रहे एवं इसके जीर्णोद्धार के समय शिलान्यास एवं लोकार्पण भी उनके कर कमलों से संपन्न हुआ था | विगत माह ही उन्होंने अपना शताब्दी वर्ष पूर्ण किया एवं ब्रम्हलीन हो गए |

साथ ही, श्री राम संस्कृत विद्यालय के प्राचार्य ने बताया कि यज्ञोपवीत संस्कार के उपरांत ही गुरुकुल के विद्यार्थियों को वेद-शास्त्रों के अध्ययन का अधिकार प्राप्त होता है एवं प्राचीन वैदिक-सनातन परम्परा में यह ब्रह्मचर्य आश्रम की आवश्यक क्रिया एवं सोलह संस्कारों में से एक है | उपनयन को शास्त्रों में द्विज का दूसरा जन्म भी माना गया है | इस अवसर पर ट्रस्टी डॉ.बी.के.जैन, अध्यक्षा उषा जैन, आचार्य भौतेश शास्त्री,आचार्य अनिल शास्त्री, प्राचार्य सुरेन्द्र शास्त्री प्रबन्धक आर.बी.सिंह चौहान, राजेन्द्र मिश्र,एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी, शिक्षक, अभिभावक एवं सदगुरु परिवार के सदस्य उपस्थित रहे |

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