मिलावटी कोयले का खेल जारी,बेसुध है आरपीएफ! ललितपुर पावर हाउस को चूना लगाने में सिंडीकेट गिरोह नहीं छोड़ रही कोई कोर-कसर



सिंगरौली ।। बरगवां स्थित कोलयार्ड में मिलावटी कोयले के कारोबार का खेल व्यापक पैमाने पर चल रहा है। कोलयार्ड में तैनात रेलवे प्रोटेक्शन के जवान बेसुध हैं। कोलयार्ड में सक्रिय सिंडीकेट ललितपुर पावर हाउस को आये दिन करोड़ों रूपये का चूना लगाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वहीं संबंधित अमला कोल माफियाओं को अवैध कारोबार के लिए खुला संरक्षण दे दिया है।


गौरतलब हो कि बरगवां कोलयार्ड में मिलावटी कोयले का कारोबार व्यापक पैमाने पर चल रहा है। सूत्र बता रहे हैं कि यहां से कोयला ललितपुर पावर हाउस में मालगाड़ी के माध्यम से परिवहन कराया जा रहा है। किन्तु सूत्रों का कहना है कि इस दौरान कोलयार्ड में ब्लैक डायमण्ड का खेल व्यापक पैमाने पर चल रहा है। आस-पास के कथित स्टोन क्रेशरों से भस्सी एवं डस्ट का परिवहन कराकर मिलावटी का खेल खूब चल रहा है। इस खेल में एक नहीं कई कारोबारी हैं। जिन्हें संबंधित विभाग के मातहत वरिष्ठों का संरक्षण मिला हुआ है। मिलावटी कोयले का कारोबार आज से नहीं काफी दिनों से चल रहा है और इसकी जानकारी आरपीएफ अमले को भी है।

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किन्तु इनकी चुप्पी साधकर अंजान बने रहना कई सवालों को जन्म दे रहा है। कोलयार्ड में कोयले के लोडिंग कराये जाने का जिम्मा गोदावरी कंपनी को है। इस कंपनी से जुड़े कथित लोग नकली कोयला को असली बनाकर रैक के माध्यम से ललितपुर पावर हाउस के लिए लोडिंग करा दे रहे हंै। रैक में दो-चार टन नहीं बल्कि सैकड़ों टन भस्सी एवं डस्ट मिलाने का खेल चल रहा है और उसके एवज में असली कोयले की सप्लाई गुप चुप तरीके से कहीं और कर दी जा रही है। सूत्र तो यहां तक बता रहे हैं कि असली कोयला कोलयार्ड में पहुंचता भी नहीं है। रास्ते से ही इधर-उधर कर दिया जा रहा है। हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पा रही है। लेकिन आरोप है कि कोलयार्ड बरगवां में ब्लैक डायमण्ड का खेल व्यापक पैमाने पर किया जा रहा है और इस खेल में कईयों के शामिल होने के नाम सामने आ रहे हैं। फिलहाल बरगवां कोलयार्ड में मिलावटी कोयले के अवैध कारोबार को लेकर गोदावरी कंपनी की भी जमकर किरकिरी हो रही है और कंपनी की विश्वसनीयता पर भी तरह-तरह के सवाल खड़े किये जा रहे हैं। चर्चाओं के मुताबिक यदि गोदावरी कंपनी अवैध कारोबार में लिप्त नहीं है तो कोलयार्ड परिसर में डस्ट,भस्सी का परिवहन कौन करा रहा है?

कृष्णशीला रेलवे साइडिंग पर जप्त हुआ था लाखों टन कोयला
सीमावर्ती शक्तिनगर के कृष्णशीला रेलवे साइडिंग पर जुलाई महीने के आखिरी सप्ताह में शक्तिनगर पुलिस ने 32 बीघा में फैले तकरीबन 10 लाख टन कोयला जप्त किये जाने की कार्रवाई की गयी थी। जिसका मामला कोयला एवं ऊर्जा मंत्रालय नई दिल्ली तक पहुंचा था और उस दौरान थाने की पुलिस ने दिखावे के लिए गहरे पानी में डण्डे पिटने का काम खूब की थी। लेकिन जप्त कोयले के मामले में कितना बड़ा एक्शन हुआ इसका आज तक नहीं पता चल पाया। सूत्र बता रहे हैं कि यह कोयला एनसीएल परियोजनाओं का था और कृष्णशीला रेलवे साइडिंग में कोयले के संग छाई की ढुलाई कराता रहा और यहां भी गोदावरी कंपनी का नाम भी सामने आया था। किन्तु जप्त कोयला व छाई को अपना बताने से एनसीएल प्रबंधन भी भागता नजर आया था। पुलिसिंग कार्रवाई के दौरान ऊर्जाधानी में व्यवस्था की देख-रेख व संभालने वाला बबलू भी भूमिगत हो गया था। यहां चारकोल रेल रैक से कृष्णशीला भेजवाने का काम करता आ रहा था।

ललितपुर थर्मल पावर का अमला भी अंजान
सूत्र बता रहे हैं कि मिलावटी कोयले का खेल रेल रैक के माध्यम से ललितपुर थर्मल पावर में खपाया जा रहा है। आरोप लगाया जा रहा है कि रेलवे साइडिंग में कोयले के साथ-साथ के्रशर के खदानों से निकलने वाला मलबा व भस्सी का भी आस-पास भण्डारण कराया गया है। रेलवे साइडिंग पर भस्सी डम्प कराने की क्या आवश्यकता है। कहीं न कहीं दाल में काला है या पूरी दाल काली है। सवाल उठाया जा रहा है कि मिलावटी कोयला यदि ललितपुर पहुंच रहा है तो इसकी जांच परख वहां के प्रबंधन द्वारा क्यों नहीं की जा रही है यह एक बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है।

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