Smart City :तेज बारिश में स्मार्ट सिटी के सड़कों की खुली पोल,स्मार्ट सिटी बनाने के सपने पर बरसात ने फेरा पानी

सिंगरौली, मध्यप्रदेश।।प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सिंगरौली को सिंगापुर बनाने के तमाम दावों के बीच शहर को स्वच्छ, सुन्दर व स्मार्ट बनाने के लिए प्रदेश के स्मार्ट सिटी योजना के में सिंगरौली को शामिल कर शहर की अधिकांश सड़को को करोड़ो की लागत से पीसीसी व डामरीकरण किया गया।प्रदेश मुख्यालय से संचालित इस योजना पर भी भ्रष्टाचार का ग्रहण लगा और योजना के तहत बनी लगभग सभी प्रमुख व पहुँच सड़के बरसात की पहली मूसलाधार बारिश में उखड़ कर जर्जर हो गई।

स्मार्ट सिटी योजना के तहत घटिया तरीके से हो रहे निर्माण कार्य पर पूर्व नगर पालिक अध्यक्ष चंद्र प्रताप विश्वकर्मा व पूर्व विधायक रामलल्लू बैस ने सवाल खड़ा किया था। लेकिन प्रदेश मुख्यालय से कंट्रोल होने की वजह से गुणवत्ता विहीन निर्माण कर करोड़ो रूपये की राशि का बंदरबांट कर लिया गया। भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी स्मार्ट सिटी योजना की सड़के शहर की सुंदरता को मुंह तो चिढ़ा ही रहे है । दूसरी ओर इन व्यस्त सड़को से आवागमन करने वाले हजारों लोगों भी परेशानी हो रही है।



गौरतलब हो की सिंगरौली ननि क्षेत्र अंतर्गत बैढ़न की लगभग सभी प्रमुख व पहुँच सड़को स्मार्ट सिटी योजना के तहत पीसीसी और फिर सुन्दर व व्यवस्थित दिखने करोड़ो की लागत से डामरीकरण किया गया। लेकिन प्रदेश से संचालित व जिला प्रशासन के हस्तक्षेप नही होने की वजह से संविदाकार ने जमकर मलाई काटा और गुणवत्ताविहीन सड़क बना कर पूर्ण कर दिया। करोड़ो की लागत से गत दो वर्ष पूर्व डामरीकृत हुए सड़के वैसे तो निर्माण के कुछ माह बाद ही टूटने व उखड़ने लगी थी। जिसका मरम्मत कर भ्रष्टाचार पर पर्दा डाल दिया जाता रहा। लेकिन इस वर्ष हुई मूसलाधार बारिश ने स्मार्ट सिटी योजना के विकास कार्यों की कलई खोल दी।

बरसात नही झेल पाई सड़के

गुणवत्ताविहीन बनी सड़के बरसात को झेल नही पायी और जगह-जगह उखड़ कर गड्ढों में तब्दील हो गई है। ननि क्षेत्र की ऐसी कोई सड़क नही बची है जो उखड़ कर जर्जर अवस्था में ना पहुँच गई हो। शहर के जिस भी प्रमुख व पहुँच मार्ग में जाइये लगभग सभी सड़को पर जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे दिख जायेंगे। भ्रष्टाचार को छिपाने जिम्मेदारों ने उक्त उखड़ी हुई सड़को के गड्ढों को मिट्टी व कंक्रीट डाल पाटने का प्रयास किया। लेकिन सिंगरौली में मेहरवान बारिश जिम्मेदारों के मनसूबो पर पानी फेर दे रहा है। जिले के बुद्धिजीवीयों ने मांग कर रहे है की स्मार्ट सिटी योजना के भ्रष्टाचार का भी भंडाफोड़ होना चाहिए। बुद्धिजीवी वर्ग का कहना है कि जब एनसीएल के घोटाले को उजागर करने के लिए पीआईएल दाखिल की जा सकता है। तो क्या उक्त योजना सहित अन्य दूसरे योजनाओं केके भ्रष्टाचार को मिटाने क्षेत्र के विकास के लिए क्यों दाखिल नहीं किया जा सकता। जिले मे स्मार्ट सिटी के नाम पर घोटाला एक बानगी है। यदि सही तरीके से जाँच हुई तो कई विकास व निर्माण कार्यों में संलिप्त संविदाकार व जिम्मेदार भ्रष्टाचार की जद में आ सकते हैं।

स्मार्ट सिटी योजना की सड़के बनी ताल तलैया

आलम यह है कि जिला मुख्यालय बैढ़न में सड़कों का स्मार्ट सिटी सहित नगर निगम से पिछले दो साल के दौरान कायकल्प कर किया गया था। जिसकी लागत करोड़ों रूपये में है। किन्तु गुणवत्ता विहीन सड़क का डामरीकरण कार्य होने से दो साल के अन्दर ही इस साल की बारिश ने सड़क को ताल तलैया में तब्दील कर गुणवत्ता की पोल को खोल कर रख दिया है। वार्ड क्रमांक 41 के पार्षद गौरी देवी अर्जुन गुप्ता ने गुणवत्ता विहीन सड़कों के जांच के लिए आयुक्त को भी पत्राचार कर चुके हैं। वही इसके उक्त सड़कों के कार्य के दौरान 2022-23 में तत्कालीन विधायक रामलल्लू बैस एवं पूर्व ननि अध्यक्ष चन्द्र प्रदाप विश्वकर्मा ने भी म.प्र. शासन नगरीय प्रशासन के मंत्री एवं आयुक्त को भी पत्र लिखकर जांच कराने की मांग कर चुके थे। जिसका कुछ असर भी हुआ था।

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