Ram mandir

  • Ram Mandir में उमड़ी भक्तों की भीड़, सिर्फ एक महीने में 50 लाख से ज्यादा लोगों ने किए दर्शन

    Ram mandir Ayodhya :भगवान श्री राम की अयोध्या नगरी में 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का अनुष्ठान पूरा हुआ था। राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए मंगल ध्वनि के बीच लाल कपड़े पर रखा चांदी का छत्र लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवनिर्मित राम मंदिर की सीढ़ियों पर चढ़े और 84 सेकंड के अभिजीत मुहूर्त के भीतर संकल्प लेकर प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान पूरा किया।

    Ram mandir ayodhya news
    Image – Ram mandir Ayodhya

    इसके बाद वह शेष अनुष्ठानों को पूरा करने के लिए मंत्रोच्चार के बीच मंदिर के गर्भ गृह में चले गए और विधि पूरी की। इस अवसर पर भगवान राम की प्रतिमा का भी अनावरण किया गया। इस खास दिन का दुनियाभर की मीडिया ने कवरेज किया। मंदिर में भगवान राम की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद मंदिर के द्वार भक्तों के लिए भी खोल दिए गए। राम मंदिर के द्वार भक्तों के लिए खोले हुए एक महीना पूरा हो चुका है और भक्तों का राम मंदिर जाकर रामलला के दर्शन का उत्साह देखते ही बन रहा है।

    एक महीने में ही 50 लाख से ज़्यादा लोगों ने किए दर्शन

    अयोध्या में राम मंदिर जाकर रामलला के दर्शन करने को लेकर भक्तों में कितना उत्साह है, इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सिर्फ एक महीने में ही 50 लाख से ज़्यादा लोगों ने अयोध्या जाकर राम मंदिर में रामलला के दर्शन किए हैं।

    भक्तों का बना रहेगा हुजूम

    आगे भी अयोध्या जाकर राम मंदिर में रामलला के दर्शन करने के लिए भक्तों का हुजूम बना रहेगा। सिर्फ देशभर से ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी भक्त रामलला के दर्शन करने के लिए आ रहे हैं।

    अयोध्या में पर्यटन में आया ज़बरदस्त बूस्ट

    राम मंदिर के द्वार भक्तों के लिए खलने के बाद से अयोध्या में पर्यटन भी बढ़ गया है। पर्यटकों की संख्या में ज़बरदस्त इजाफा हुआ है और इस वजह से होटल्स, रेस्टोरेंट्स, धर्मशालाएं, ढाबों जैसे बिज़नेस में भी ज़बरदस्त फायदा बढ़ा है। देश की कई बड़ी कंपनियाँ अयोध्या में राम मंदिर की वजह से पर्यटन में आए इस बूस्ट को देखते हुए होटल्स और रिसॉर्ट्स खोलने की तैयारी में हैं।

  • Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर क्यों शुरू हुआ विवाद!

    Ayodhya Ram Mandir :धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जब तक किसी मंदिर का निर्माण पूरी तरह से ना हो जाए तब तक प्राण प्रतिष्ठा को वर्जित माना गया है। इसे अशुभ माना जाता है। और, देवता नाराज होते हैं। अयोध्या में प्रभु श्री राम मंदिर का निर्माण कार्य अभी पूरा ही नहीं हुआ है और आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में प्रभु श्रीराम का प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने जा रहा है। इस समारोह को लेकर संत समाज और राजनीतिक पार्टियों में काफी मतभेद देखा जा रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विवादों में घिर चुके हैं। संत समाज के विरोध से पहले विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी अटलांटा कश्यप ने संकेत दे दिया था कि आने वाले समय में अयोध्या में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा की वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बुरा समय शुरू हो सकता है।

    फ़ोटो – सतना टाइम्स डॉट इन

    विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी अटलांटा कश्यप संभावित घटनाओं का आभास पहले ही स्वप्न में हो जाता है। वह अपने स्वप्न में जो भी देखती है, अपने सोशल मीडिया पर शेयर करती है और बाद में वह घटना सत्य साबित होता है। 1 जनवरी 2024 की रात को अटलांटा कश्यप ने अयोध्या में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के बारे एक स्वप्न देखा। अटलांटा कश्यप के अनुसार, उनके अधूरे श्री राम मंदिर के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उनके स्वप्न के अनुसार एक सुन्दर मां बहुत रो रही थी। मां का अर्थ धरती माता भी है। त्रेतायुग में श्रीराम का कारक कौन था? उस युग में श्रीराम के लिए धरती माता ने घोड़े का अवतार लिया था। अविश्वसनीय बात यह है कि, इस सपने से पहले श्री राम लला मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के खिलाफ कोई नहीं था। लेकिन इस स्वप्न के तीन दिन के बाद संत समाज और चारो शंकराचार्य ने विरोध करना शुरू कर दिया।

    गोवर्धन मठ के शंकराचार्य निश्चलानंद स्वामी ने हाल ही में एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, अभी अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा शास्त्रों के हिसाब से नहीं हो रही है, इसलिए मेरा उसमें जाना उचित नहीं है। पुराणों में लिखा है कि देवता की मूर्ति तब प्रतिष्ठित होती है, जब शास्त्रों के हिसाब से विधिवत हो। अगर ये ढंग से ना किया जाए तो देवी देवता क्रोधित हो जाते हैं। यह खिलवाड़ नहीं है।ढंग से किया जाए तभी देवता का तेज सबके लिए अच्छा रहता है, वरना विस्फोटक हो जाता है। पूरी तरह से मंदिर निर्माण के बाद प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन होना चाहिए।

    बता दें कि विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी अटलांटा कश्यप के अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर आए स्वप्न के तीन दिन के बाद संत समाज और चारो शंकराचार्य की यह प्रतिक्रिया आई है। अटलांटा कश्यप की ज्योतिषीय विश्लेषण के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बुरा समय आने वाले है।अटलांटा कश्यप की माने तो शनि, राहु और केतु का एक दूसरे से लेना देना है। राहु साइलेंट ग्रह है, लेकिन योग ऐसा बन रहा है कि राहु दाहिने हाथ से बाएं हाथ पर खुद ही अटैक कर रहा है। अगर कोई भी नंबर सात पावर के साथ उलझता है तो सात पावर अगले पावर वाले को बहुत भारी नुकसान पहुंचा सकता है। जिसमे स्वास्थ्य संबंधी समस्या, दिमागी दिमागी परेशानी और दर्द का संयोग बनेगा। इसलिए मोदी जी के लिए बुरा वक्त आने वाला है। हालात ने उन्हें सात नंबर के साथ उलझा दिया है। इसलिए उनका बुरा समय शुरू हो सकता है।

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    विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी अटलांटा कश्यप की अब तक कोई भी भविष्य भविष्यवाणी विफल नहीं हुई है। वह एलियंस के बीच टेलीपैथी बातचीत भी कर रही है। उन्होंने कई साल पहले भविष्यवाणी की थी कि भविष्य में भारत पूरी दुनिया में नंबर 1 होगा।बहरहाल, प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में चारों शंकराचार्य शामिल नहीं हो रहे हैं। धर्म शास्त्रों के अनुसार विधि पूर्वक प्राण प्रतिष्ठा न हो उस प्रतिमा में देव विग्रह की बजाय भूत, प्रेत, पिशाच, बेताल आदि हावी हो जाते हैं. उसकी पूजा का भी अशुभ फल होता है।

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  • Ram Mandir Pran Pratistha :राम मंदिर को लेकर पूर्व CM कमलनाथ का बयान- राम मंदिर सबका है, राम मंदिर का पट्टा BJP के पास नहीं है

    भोपाल, मध्यप्रदेश। कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष कमलनाथ का राम मंदिर को लेकर बयान सामने आया है। कमलनाथ से राम मंदिर जाकर भगवन राम के दर्शन करने पर सवाल किए गए थे जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि, राम मंदिर सबका है और में दर्शन के लिए वहां जरूर जाऊंगा।

    Photo Credit By Google

    कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा कि, राम मंदिर सबका है..कोई इसका श्रेय अकेले नहीं ले सकता। माननीय उच्च न्यायालय के जजमेंट के बाद इसके निर्माण की शुरुआत हुई। बीजेपी की सरकार थी तो उनकी जिम्मेदारी थी राम मंदिर बनाना। राम मंदिर का पट्टा बीजेपी के पास नहीं है। यह मंदिर पूरे देश का है, सभी का इस पर अधिकार है।

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    कमलनाथ से पूछा गया कि, क्या वे 22 तारिख को होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में जायेंगे? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि, 22 जनवरी को नहीं लेकिन बाद में भगवान राम के दर्शन के लिए मैं जरुरु जाऊंगा।

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    कमलनाथ विधानसभा के सत्र के दौरान किन्हीं कारणों से अनुपस्थित रहने के चलते विधायक पद की शपथ नहीं ग्रहण कर पाए थे। इसी के चलते उन्होंने सोमवार को विधायक पद की शपथ ग्रहण की थी। शपथ ग्रहण करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कहा था कि, वे अब भी मध्यप्रदेश में ही सक्रिय रहेंगे और दिल्ली नहीं जाएंगे।

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