Satna News:कीचड़ से सनी रोडों में चलने और पीने के पानी के लिए मोहताज है ग्रामवासी

सतना-आज हम बात करते हैं सतना जिले के सोहावल अंतर्गत ग्राम पंचायत मौहार की कहने को तो 20 वार्डो की संपन्न सभी वर्गों से समायोजित बड़ी पंचायत है यहां पढ़ें लिखे बुद्धजीवी निवास रत हैं, लेकिन विडम्बना तो देखिए कि आज तक अधिकांश वार्डो में हैं कीचड़ से सने कच्चे रास्ते सुगमतायुक्त पक्के रास्तों का निर्माण ही नहीं हो पाया जो कुछ हुआ भी वह चढ़ाया भ्रष्टाचार की भेंट, कुछ रोडे तो कागज में बनकर हो चुकीं हैं तैयार जांच साबित हुई बौनी।


आज हम बात करते मौहार ग्रामपंचायत के 20 वार्डों के रास्तों की वार्ड नं 1मौहार मेंन रोड से आदिवासी भाटिया। वार्ड नं 4, 5,6,7,8 में पैदल चलना कठिन है। चंद्रवली सिंह के घर से वीरेंद्र सिंह (भूतपूर्व सरपंच) के घर तक ढेड़ किलोमीटर की रोड जो रोड कई वार्डों को जोड़ती है उसकी भी हालत बद से भी बद्तर है विगत वर्ष सतना कलेक्टर सत्येन्द्र सिंह द्वारा रोड का अतिक्रमण हटाया गया था जो एक सराहनीय कार्य था जिसकी प्रशंसा सभी ग्रामीण करते हैं, ग्रामीणजनों को उम्मीद थी कि शायद अब रोड का निर्माण हो जाएगा लेकिन कुछ नहीं हो पाया आज रोड के हालात बद से बद्तर हैं।वही हाल मौहार मेन रोड से करहा छिटियामोड़ जाने वाले रास्ते की है यह वार्ड 14,15 को जोड़ती हैं यहां हरिजन एवंआदिवासी आबादी निवास करती है।लेकिन रास्ते के हालात इतने खराब है कि पैदल चलने में मसक्कत करनी पड़ती है।छिटिया मोट के रहवासी बड़ौर होकर मौहार आते हैं।सूत्रों की मानें तो मौहार में रोड से करहा जाने वाले रोड के लिए विधायक मत से दस लाख की राशि पंचायत को मिली है जिसका 7,50,000 पंचायत के खाते में आ भी गया है लेकिन आज भी रोड का कार्य बाधित है।जब पंचायत के खाते में पैसा आ गया है तो रोड बनाने का कार्य आखिर किया क्यों नहीं जा रहा है।

इस तरह से देखा जाय तो ग्राम पंचायत मौहार की 90% रास्ते चलने लायक नहीं है।ग्राम पंचायत मौहार में हर पंचवर्षीय करोड़ों की राशि आती है खर्च भी हो जाती है कार्य होते नहीं है आखिर राशि जाती कहां है।विगत बीस वर्षों से यही चल रहा है।आखिर धरातल में कार्य कब होंगे, होंगे भी या नहीं या यूं ही चलता रहेगा जनता पिसती रहेगी नरकीय जीवन जीने को मजबूर होती रहेगी।तरस रहे हैं ग्रामीण एक बूंद पीने के पानी के लिए

अब बात करते हैं अमृत रुपी जल की
आज ग्राम पंचायत मौहार में देखा जाए तो पानी की समुचित व्यवस्था उपलब्ध है हर वार्ड में हैंडपंप देखने को मिल जाएंगे, लेकिन कुछ सुचारू रुप से चल रहें हैं कुछ सूखे पड़े हैं किसी का पानी पीने योग्य नहीं है, कहीं कहीं तो हैंडपंप निकालकर बोर मशीन डाल ली गई है।इससे बढ़कर ग्राम पंचायत मौहार में नल-जल योजना के तहत हर घर पानी की सुविधा प्रदान की गई है।लेकिन विडम्बना यह है कि करोड़ों की लागत से विशालकाय टंकी एवं हर घर पाइप लाइन के द्वारा हर घर नल लगाए जाने के वावजूद भी विगत कई महीनों से नल से जल ही नहीं निकल रहा पानी की टंकी महज प्रियदर्शनी बनकर रह गई है। हां जब कभी पहले पानी को हर घर पहुंचाया जाता था तो नल से पानी कम लेकिन कच्ची रोडो में पानी ज्यादा बहता था।मिली जानकारी के अनुसार कई लाखों का मेंटीनेंस भी किया गया,किया कहां गया यह कोई नहीं जानता फिर भी नल जल योजना के तहत ग्रामीणों को मीठा जल पीने को नसीब नहीं हो पा रहा है।
एक प्रश्न जरूर है कि जैसे पिछली पंचवर्षीयों में विकास कार्य होते आए हैं उसी तरीके से विकास कार्य होगा या इस पंचवर्षीय में कुछ अलग देखने को मिलेगा।नवनिर्वाचित सरपंच ग्रामपंचायत मौहार के ग्रामवासियों को रोड और पानी की समस्याओं से निजात दिला पातीं हैं या नहीं।

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