व्यंग्य रचना ..कलयुग मे जनम ना लेंगे हम
पृथ्वी पर जब जब अत्याचार और अनाचार बढे
तब तब ईश्वर प्रगट हुये और उन्होने. दुष्टों का
संहार किया
परंतु जब कलयुग मे अत्याचार अनाचार और नाबालिग कन्यायों के साथ बलात्कार होने लगा और इतना सब कुछ होने के बाद भी भगवान प्रगट नही हुये तब साधू संतो को चिंता सताने लगी कि आखिर भगवान को हो क्या गया है जो ऐसी विकट स्थित मे भी जन्म नही ले रहे है
लिहाजा एक दिन साधू संतो ने आपात बैठक बुलाकर तय किया कि कुछ लोग बैकुंठ धाम जाकर भगवान से मिलेंगे और उनसे कलयुग मे जनम लेने के लिये कहेंगे
इस तरह चंद दिनो के बाद तय कार्यक्रम के मुताबिक साधुओं का एक दल बैकुंठ धाम पहुंच गया और वहाँ जाकर प्रतिनिधि दल के साधुओं ने सृष्टि के रचयिता ब्रम्हा जी से मुलाकात की तथा उनसे पृथ्वी पर किसी एक देवता को भेजने का अनुरोध किया
साधु संतो के जरिये पृथ्वी का हाल जानकर ब्रम्हा जी दुखी होते है लेकिन बावजूद इसके वे किसी भी देवता को धरती पर भेजने के लिये तैयार नही हुये
अतः साधू संतो ने ब्रम्हा जी से पृथ्वी पर देवताओं को ना भेजने की वजह पूछी ..
तब ब्रम्हा जी ने उन्हे बतलाया कि पहले कभी धरती पर गये देवताओं का अनुभव अच्छा नही रहा इसलिये अब कोई भी देवता पृथ्वी पर जाने के लिये तैयार नही है
ब्रम्हा जी के जवाब से परेशान साधुओं ने कहा कि आखिर पूर्व मे ऐसा क्या हुआ था
थोड़ा इस संबंध मे विस्तार से बतलाने का कष्ट करें
तब ब्रम्हा जी ने अपनी लायव्रेरी से कुछ वीडियो क्लिपिंग निकालकर साधुओं को दिखलाना शुरू किया…
(पहली बीडियो क्लिपिंग )
…रीवा के चिरहुला वाले हनुमान जी के मंदिर के ठीक सामने से कुछ असमाजिक तत्व एक युवति को बलपूर्वक उठाकर अपने साथ ले जाने की कोशिश कर रहे थे
पीड़ित युवति बचाओ – बचाओ की गुहार लगा रही थी
कुछ देर तक हनुमान जी ने इंतजार किया कि अभी कोई भद्र पूरूष आयेगा और इस अबला की लाज बचायेगा
लेकिन काफी वक्त गुजर जाने के बाद भी जब उस युवती की मदद के लिये कोई नही आया तब उसकी आबरू बचाने के लिये हनुमान जी को ही पैंट कमीज पहिनकर प्रगट होना पड़ा
मौके पर पहुंच कर हनुमान जी ने असमाजिक तत्वो को ललकारा और पीड़ित युवति को छोड़ देने के लिये कहा
मगर जब दुष्ट जनो ने पवनसुत हनुमान की बात नही मानी तो हनुमान जी ने पैंट मे खुंसी अपनी पूंछ निकाली और असमाजिक तत्वों की धुनाई शुरू कर दी
बजरंग बली की पिटाई से गुंडे युवति को छोड कर भाग गये इधर गुंडो से छूटी युवति भी गायब हो ग ई थी
परंतु उधर परोपकार के चक्कर मे हनुमान जी फंस गये
हुआ यह कि रात्रि गश्त पर निकली पुलिस की टीम ने मारपीट करने के आरोप मे हनुमान जी को पकड लिया था और उन्हे ले जाकर थाने मे बंद कर दिया गया
अगले दिन हनुमान जी को अदालत मे पेश किया गया मगर जमानत आवेदन पेश ना किये जाने की वजह से उन्हे जेल भेज दिया गया ….
दूसरी बीडियो क्लिपिंग …
जगत देव तालाब के शंकर भगवान के मंदिर की थी
हरतालिका तीज के दिन किसी बात को लेकर मंदिर
के निकट रहने वाले निगम साहब का अपनी बीबी से झगड़ा हो गया था
विवाद इस कदर बढा कि निगम साहब खटमल मार टिक ट्वंटी की पूरी बोतल खरीदकर ले लाये और खुद को एक कमरे मे कैद कर लिया वे आत्म हत्या करने की तैयारी मे थे
तभी भगवान भोलेनाथ के साथ मंदिर मे बिरामान पार्वती जी की निगाह निगम साहब पर पड़ ग ई
पार्वती जी ने देखा की निगम जी खटमल मार दवा की पूरी बोतल रख कर बैठे है और पीने की तैयारी मे है
यह दृश्य देखकर पार्वती ने भगवान भोले नाथ से कहा जाईये निगम साहब को बचाईये
भगवान शंकर ने थोड़ा आनाकानी की तो पार्वती जी ने उलाहना देते हुये कहा कि आप ने राक्षसो के लिये कितना जहर पिया है
क्या आज आप हरतालिका तीज के दिन मामूली किस्म की खटमल मार दवा नही पी सकते है
जाईये निगम जी को बचाईये
भगवान भोले नाथ ने पार्वती से कहा कि देवी जरा यह तो बतलाओ कि हरतालिका तीज और खटमल मार दवा का आपस मे क्या कनेक्शन है ?
पार्वती ने कहा… भगवन आज के दिन संसार भर की समस्त महिलायें आपकी पूजा कर सदा सौभाग्य वती होने का वर मांग रही है और आज ही के दिन निगम साहब दुनिया से कूच करने जा रहे हैं
अतः विलंब ना कीजिये जाईये उन्हे जाकर तुरंत बचाईये …
पार्वती जी की जिद के आगे विवश भगवान भोलेनाथ निगम जी के कमरे मे जाकर प्रगट होते है और वहां रखी खटमलमार दवा की बोतल उठाकर पीने लगते है
इसी दौरान किसी ने पुलिस को सूचना दे दी थी कि कमरे मे बंद निगम जी आत्महत्या करने जा रहें है
मौके पर पहुंची पुलिस ने देखा कि एक औघड़ बोतल मुंह मे लगाकर जहरीली दवा पिये जा रहा है
बस फिर क्या था आत्म हत्या करने के जुर्म मे भगवान शंकर को भी धर लिया गया
अदालत मे पेश करने के बाद शंकर भगवान को भी जेल भेज दिया गया वहाँ पहले से बंद हनुमान जी को पाकर शंकर भगवान काफी खुश हुये ….
इधर भगवान शंकर के पकड़े जाने से परेशान पार्वती भागी भागी भगवान विष्णु के पास पहुंची और उन्हे पूरी घटना की.जानकारी दी कि कैसे परोपकार के चक्कर मे भगवान भोले नाथ बुरी तरह से फंस गये है
और भोलेनाथ को पुलिस ने पकड़ लिया है
यह सुनते ही भगवान विष्णु आपे से बाहर हो गये और अपनी ओरिजिनल ड्रेस मे ही कोतवाली पहुंच गये
वहाँ पहुंच कर भगवान विष्णु ने पुलिस वालों को काफी बुरा भला कहा और. भोलेनाथ को तुरंत रिहा करने के आदेश दिया
पहले तो पुलिस वाले यह मानकर चुप रहे कि यह कोई बहुरूपिया है जो थाने मे अपनी कला का प्रदर्शन कर रहा है लेकिन जब काफी वक्त गुजर गया और भगवान विष्णु वहाँ से टस से मस नही हुये तो उन्हे भी पागल करार देकर लाक अप मे बंद कर दिया गया ।
एक दो दिनो तक लाक अप मे रखने के बाद भगवान विष्णु को भी जेल भेज दिया गया
पहले भोलेनाथ और अब भगवान विष्णु के भी पकडे जाने से परेशान पार्वती और लक्ष्मी जी सीधे ब्रम्हा जी के पास पहुंचती है और उन्हे विस्तार से पूरी घटना बतलाकर मदद की गुहार लगाती है
दोनो देवियों की बात सुनकर ब्रम्हा जी कहते हैं कि उनकी आज्ञा के विना देवताओं को पृथ्वी पर नही जाना चाहिये था
पार्वती जी ने कहा कि गल्ति हो ग ई है माफ कर दीजिये और जैसे भी हो एक बार देवताओं को पुलिस के चंगुल से मुक्त करा दीजिये ।
ब्रम्हा जी ने कहा कि यह इतना आसान काम नही है
पहले उन सभी लोगों की जमानत करवानी पड़ेगी फिर पेशियां चलेंगी इस तरह क ई वर्ष लग जायेगे
यह सुनकर लक्ष्मी जी ने कहा कि प्रभु कोई शार्टकट बतलाईये
ब्रम्हा जी ने कहा वैसे तो कलयुग
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के नियम कायदे केवल कमजोर
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लोंगो के लिये है जो तकतवर है
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उसके लिये वहां कोई कानून
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नही है
हनुमान जी चाहें तो जेल तोड़कर खुद निकले और अपने साथ दोनो देवताओं को भी निकाल ले जायें
लेकिन यह सब होगा कैसे ?
ब्रम्हा जी ने कहा कि पवन सुत हनुमान को उनकी शक्ति का आभास कराना होगा
परंतु उन्हे यह सब बतलाने के लिये कौन है जो जेल तक जायेगा ?
इधर धरती का बुरा हाल देखकर कोई भी देवता धरती पर जाने के लिये तैयार नही था
खैर जैसे तैसे इस काम के लिये भगवान नारद को तैयार किया गया और उन्हे ब्रम्हा जी के संदेश को हनुमान जी तक पहुंचाने के लिये बैकुंठ धाम से सीधे जेल के लिये रवाना कर दिया गया …
(तीसरी बीडियो क्लीपिंग )
तीसरी बीडियो क्लिपिंग
सेंट्रल जेल रीवा के मेन गेट की है यहा भगवान नारद जेल प्रहरी से जेल मे बंद हनुमान जी मुलाकात करा देने की मिन्नते कर रहें हैं
तभी जेल प्रहरी नारद जी से कहता है कि मुलाकात के लिये कुछ नगद नारायण देना पड़ेगा
नारद …नारायण . .नारायण का का जप व स्मरण करते हुये प्रहरी से कहते है कि
उनके पास नारायण के अलावा कुछ भी नही है
प्रहरी … .. तब तो यहाँ जेल मे बंद लोगों से तुम्हारी मुलाकात कभी नही हो पायेगी
…जाओ पहले नगद नारायण की व्यवस्था कर लो फिर यहां आना
अब तक नारद जी भी समझ चुके थे कि बगैर लिये दिये काम नही चलेगा
अतः उन्होने प्रहरी से कहा कि वह उनकी वीणा ले ले ओर जेल मे बंद हनुमान जी से उनकी मुलाकात करवा दे
जेलप्रहरी ने नारद जी के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुये उनकी वीणा अपने हाथ मे लेकर उसका अवलोकन किया और यह पाया कि गिरी हालत मे भी यह वीणा चार पांच सौ रूपये से कम की तो नही होगी
अतः वीणा को वहीं रखवाकर प्रहरी नारद जी को जेल के भीतर जाने देता है
जेल के भीतर पहुंचकर नारद भगवान पवनसुत हनुमान को बतलाते है कि…
कलयुग के नियम कायदे और कानून कमजोर लोगो के लिये है शक्तिशाली लोगों के लिये यहां कोई नियम कानून नही है
अतः जेल तोड़कर आप खुद निकलिये और इन दोनो देवताओ को भी निकालिये
नारद जी के मुख से ब्रम्हा जी का संदेश पाकर जेल मे बंद तीनो देवता प्रसन्न होते है
आगे हनुमान जी विशाल रूप धारण कर जेल के दरवाजों को तोड़ देते है जो कोई भी वीच मे आता है उसको उठाकर दूर फेंक देते है
जेल के गेट पर पहुंचकर भगवान नारद पवनसुत हनुमान को बतलाते है कि आप लोगों से मुलाकात कराने के ऐवज मे प्रहरी ने रिश्वत के तौर पर उनकी यह वेशकीमती वीणा रखवा ली थी अतः इसे दो पटखनी ज्यादा लगाईये
हनुमान जी ने वैसा ही किया और जेलप्रहरी को दो पटखनी ज्यादा लगाई इसके बाद चारो लोग एक चौराहे पर पहुंचकर कसम खाते हैं कि चाहे जो कुछ भी हो जाये … मगर अब कलयुग मे कभी जनम ना लेंगे हम
रचनाकार
अशोक शुक्ला उर्फ चौकन्ना
पत्रकार एव़ व्यंग्यकार
अशोक भवन
रीवा रोड
सतना 485001
9406724870