शिव के राज में महाकाल लोक का घटिया निर्माण होना भगवान शिव का अपमान : मैहर विधायक

सतना।।मैहर विधायक ने अपना बयान जारी करतर हुए कहा कि महाकाल की नगरी उज्जैन जिसमें दिव्य और भव्य महाकाल लोक बनाये जाने की घोषणा सरकार ने की, महाकाल लोक का निर्माण भी हुआ और पूरे देश दुनिया में इसे मीडिया और विज्ञापनों के माध्यम से भारी प्रचार प्रसार किया गया और भव्यता के साथ 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री मोदी जी ने शिवराज जी की तारीफ करते हुए जनता को समर्पित भी किया था।

जिसकी लागत लगभग 370 करोड़ रु थी। किंतु इसके निर्माण में हुए भृष्टाचार की बानगी कल देखने को मिल गयी। थोड़ा आंधी तूफान क्या आया इस लोक में लगी मूर्तियां खंडित हो गयी। किसी का सिर धड़ से अलग हो गया तो किसी का कोई अंग खंडित हो गया। इतने कम समय में इस बहुप्रचारित महाकाल लोक के निर्माण में हुई गड़बड़ी और भ्रष्ट्राचार की कहानी एक छोटा सा तूफान लिख गया।

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विचारणीय है कि आजादी के पूर्व हुए निर्माण आज भी मौजूद है, और उनका उपयोग हो रहा है। बाबा केदारनाथ धाम में बना भोलेनाथ का मंदिर इतनी सुनामी झेलने के बाद भी टस से मस नही हुआ, हजारों साल पहले निर्मित कई मंदिर, किले, भवन और अन्य निर्माण, मूर्तियां पूरी तरह सुरक्षित और जस की तस है, लेकिन महाकाल लोक उज्जैन में हवा का एक झोंका क्या आया तश्वीर ही बदल गयी. धार्मिक स्थलों के कार्यो में भी इस तरह का घटिया निर्माण पापकार्य है।

विधायक त्रिपाठी ने कहा कि ऐसा होना महापाप है इसकी सजा सरकार और उसके नुमाइंदों और निर्माण में गड़बड़ी करने वालों को जरूर मिलेगी, बाबा महाकाल के काम में घोटाला करने वालों को महाकाल सजा जरूर देंगें। उन्होंने कहा कि मै चुनौती के साथ कहता हूं कि यदि उज्जैन महालोक निर्माण की उच्चस्तरीय जांच ऐसे लोगों से कराई जावे जो सरकार के दबाब में न हो तो प्रदेश के एक बड़े घोटाले के रूप में इस लोक में हुए निर्माण कार्य शुमार होंगे।

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