Satna Hospital News :मध्यप्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत एक बार फिर उजागर हुई है। सतना जिला अस्पताल से सामने आई एक तस्वीर ने न केवल सिस्टम पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी दिखा दिया है कि कैसे राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था अब भी बुनियादी सुविधाओं के लिए जूझ रही है।जिला अस्पताल में एक गर्भवती महिला का प्रसव रात के समय मोबाइल की टॉर्च की रोशनी में कराया गया। अस्पताल में लाइट न होने के कारण स्टाफ को मजबूरन मोबाइल की रोशनी का सहारा लेना पड़ा है।हालांकि इसका वीडियो भी सामने आया है।
दरअसल सतना जिला अस्पताल में बिजली व्यवस्था की खामियों ने एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है। रविवार रात एक गर्भवती महिला को अस्पताल में प्रसव के लिए लाया गया, लेकिन बिजली न होने के कारण स्टाफ को अस्पताल के मुख्य गेट पर मोबाइल फोन की टॉर्च की रोशनी में डिलीवरी करानी पड़ी है।इस पूरी घटना का वीडियो सोमवार शाम सामने आया है जिसने न सिर्फ अस्पताल प्रबंधन की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत को भी उजागर कर दिया है।
अस्पताल में गुल थी बिजली
मिली जानकारी अनुसार रामस्थान भठिया गांव की रहने वाली सोनम कोल को रविवार रात जननी एक्सप्रेस से जिला अस्पताल लाया जा रहा था। करीब साढ़े सात बजे जब एंबुलेंस अस्पताल के मुख्य गेट पर पहुंची, तभी सोनम को तेज प्रसव पीड़ा हुई और उसने वहीं बच्चे को जन्म दे दिया। परिजनों ने तत्काल अस्पताल स्टाफ को सूचना दी, लेकिन तब तक बारिश के कारण बिजली जा चुकी थी।
टार्च की रोशनी में प्रसव
हालांकि अस्पताल प्रशासन का दावा है कि आपातकालीन स्थिति के लिए जनरेटर और सोलर पैनल की व्यवस्था है। लेकिन घटना के समय ये दोनों व्यवस्थाएं नाकाम थी। न जनरेटर चालू हुआ और न ही सोलर पैनल से बिजली मिली। ऐसे में मोबाइल फोन की टॉर्च की रोशनी में ही प्रसव कराना पड़ा है।
मा और नवजात दोनों स्वास्थ्य
गौरतलब है कि यह सोनम कोल की चौथी डिलीवरी थी। फिलहाल मां और नवजात दोनों स्वास्थ्य हैं, लेकिन यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सेवाएं अब भी बेहद कमजोर हैं।
क्या बोले सिविल सर्जन
वही,सिविल सर्जन डॉ. मनोज शुक्ला ने बताया कि मौसम खराब होने के कारण बिजली नही थी। और तेज हवा के कारण हमारे यहा की इंटरनल वायर भी टूटी हुई थी।इसके बावजूद भी जो जनरेटर लगे हुए है।उसमे व्यवस्था ये है जैसे ही बिजली गुल होती है तो स्टाफ जाकर उसको चालू करता है।लेकिन उस समय संयोग ऐसा बना की मौसम खराब होना एवं मरीज का आना साथ ही प्रसव पीड़ा बढ़ जाना ये एक संयोग है।हालांकि इसकी सुधार के किये इस बारे में विद्दुत विभाग से बात हुई है।इसका जल्दी सुधार करवाया जाएगा।