MP : राजधानी पहुंचे सतना के किसानों को पुलिस ने रोका,600 किमी की पदयात्रा कर सुनाने जा रहे थे शिवराज को दुखड़ा

सतना,अनुपम दाहिया।। आप लोगों ने फरियाद सुनाने के लिये सीएम से अनुमति नहीं ली इसलिये भोपाल में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। यह बेतुकी दलील भोपाल पुलिस की है जिसने हाइटेंशन लाइन के मुआवजे की मांग को लेकर सतना से 600 किलोमीटर की पदयात्रा कर भोपाल पहुंचे सतना के एक सैकड़ा से अधिक किसानों को सूखी सेवनिया गांव में रोक लिया है। किसान भी अड़ गये हैं कि वे बिना सीएम से मिले लटेंगे नहीं। बहरहाल पुलिस ने किसानों को ग्राम पंचायत भवन में ठहरा दिया है।

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119 किसानों के लिये 200 जवान

एक पखवाड़े पहले 16 अप्रैल को सतना जिले से पचासों गांवों के 119 किसानों का जत्था दर्जन भर वृद्ध महिलाओं के साथ पैदल भोपाल के लिए रवाना हुआ था। इन 16 दिनों में 44-45 डिग्री की गर्मी के बीच धूप, गर्मी और आकस्मिक बारिश को झेलते वे रविवार देर शाम भोपाल नगर सीमा के समीप सूखी सेवनिया के पास पहुंचे जहां पहले से ही खड़े पुलिस बल ने आगे जाने से रोक दिया। पुलिस द्वारा किसानों को कहा गया है कि उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलने की अनुमति नहीं ली है, इसलिए उन्हें भोपाल में घुसने की इजाजत नहीं दी जा सकती।

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किसानों का कहना है कि हम कोई चोर उच्चके तो हैं नहीं, गांव के साधारण किसान हैं जो अपनी कानून सम्मत जायज मांग मुख्यमंत्री के सामने रखना चाहते हैं। पुलिस द्वारा रोके जाने से परेशान किसान बारिश के बीच में ही धरने पर बैठ गए। कई घंटे तक पुलिस और किसानों के बीच वार्ता चली, लेकिन किसान बिना सीएम से मिले सतना वापस लौटने को तैयार नहीं हुए। उन्होंने कहां की 10 अप्रैल को उन्होंने सतना कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जानकारी दी थी। बहरहाल बारिश में भीगते बैठे किसानों को प्रशासन द्वारा सूखी सेवनिया ग्राम पंचायत भवन में बैठाया गया है।

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जुड़ रहे समाजसेवी, विधायक का भी मिला समर्थन

भोपाल पहुंचने से पहले विदिसा और सांची के मध्य स्थानीय विधायक सशांक भार्गव ने किसानों से मुलाकात कर विस्तार से उनकी व्यथा भी सुनी थी। इस दौरान विधायक ने आश्वासन दिया था कि यह बहुत बड़ा मुद्दा है। वे मुख्यमंत्री को पत्र लिखेंगे और मामला भी विधानसभा में उठायेंगे। राजधानी पहुंचे किसानों को समर्थन देने इस दल में समाजसेवी भी जुड़ रहे हैं। किसानों से मिलकर सेवानिवृत्त सहायक महानिर्देशक डॉ. सदाचारी सिंह तोमर, डॉ. राममनोहर लोहिया चैरिटेबल ट्रस्ट के पदाधिकारी किसान यूनियन के ठाकुर प्रसाद सहित अन्य समाजसेवी भी समर्थन दे चुके हैं।

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टावर में चढ़ कई बार कर चुके हैं प्रदर्शन

सतना जिले की गांवों में किसानों के खेतों में हाईटेंशन टावर व लाइन खीच गई थी पर दशकों गुजरने के बाद भी उन्हें मुआवजा नहीं मिल सका है। इन वर्षों में प्रभावित किसान कई बार ठंड, बरसात और गर्मी के दिनों में टावर पर चढ़ कर प्रदर्शन कर चुके हैं। उन्होंने क्षेत्रीय जनप्रतिंधियों, विधायक-सांसद व सतना जिला मुख्यालय पहुंचकर कलेक्टर से भी गुहार लगाई पर हर तरफ से आश्वासन हो मिला है। किसानों का कहना है सीएम से मिलकर अपनी पीड़ा बताने का यह उनका आखिरी प्रयास है। इसके बाद वे चुनावों में अपना प्रभाव दिखायेंगे।

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