MP : सतना में किसानों ने टावर को बनाया आशियाना, आंधी-पानी में भी नहीं डिगा किसानों का हौसला

सतना।।मुआवजे की मांग को लेकर टावर पर चढ़े जिले के अंतरबेदिया के किसानों के हौसलों को आंधी-पानी भी नहीं डिगा पाए। मौसम के तेवर बदलने के बाद भी किसानों की नाराजगी ठंडी नहीं पड़ी और वे रात के वक्त खराब मौसम में भी टावर पर ही चढ़े रहे। उधर, किसानों के मुआवजे पर एक नई पेंच भी सामने आ गई है। जिसके दम पर पावर ग्रिड प्रबंधन न केवल किसानों को चक्कर लगवा रहा है, बल्कि प्रशासन को भी उलझाए हुए है।

शनिवार की शाम से बदले मौसम के बीच भी उचेहरा विकासखंड के अतरबेदिया में चल रहा किसानों का अनशन जारी रहा और किसान टावर पर चढ़े रहे। धूल भरी तेज आंधी आई, बारिश भी हुई लेकिन ये मौसमी थपेड़े भी किसानों के हौसलों को डिगा नहीं पाए। शुक्रवार की सुबह से टावर पर चढ़े किसान आंधी-पानी मे भी टावर पर ही बैठे रहे। इस बीच उनका साथ देने कई और पुरुष ही नहीं महिलाएं भी वहां पहुंच गईं।उधर, किसानों के मुआवजे पर एक नई पेंच सामने आई है जिसे आधार बना कर पावर ग्रिड प्रबंधन किसानों को भी चक्कर लगवा रहा है। प्रशासन को भी घनचक्कर बनाए हुए है। सूत्रों की माने तो पावर ग्रिड प्रबंधन ने एडीएम राजेश शाही की फटकार के बाद प्रशासन को बताया कि किसानों के मुआवजे पर हाईकोर्ट से स्थगन मिला हुआ है। किसानों के पास भले ही प्रति टावर 12 लाख रुपए के मुआवजा भुगतान के आदेश हो, लेकिन हाईकोर्ट ने उस आदेश पर पावर ग्रिड प्रबंधन को स्टे दे रखा है। लिहाजा मुआवजा नहीं दिया जा सकता।
इन स्थितियों के बीच अब मामला और उलझ सा गया है। किसान मुआवजे के लिए अनशन पर हैं, टावर पर चढ़े बैठे हैं। वे कुछ भी सुनने को तैयार नही हैं। एडीएम, एसडीएम को भी बेरंग वापस लौटा चुके हैं। वहां कानून-व्यवस्था के हालात निर्मित हो रहे हैं, जिसका सारा दारोमदार सतना जिला प्रशासन पर है। प्रशासन भी असमंजस में है कि अनशन कैसे खत्म कराया जाए?