Maihar News :अमरपाटन का 600 वर्ष पुराना अनोखा मंदिर जहां बिना छत के रहते है भगवान हनुमान, कहा जाता है की इस मंदिर मे छत निर्माण करवाने वाले की या तो मौत हो जाती है या फिर वह मानसिक रूप से पागल हो जाता है इसके साथ ही यहां पर नारियल बाँधने वालो की मानता मुराद भी पूरी हो जाती है मैहर के पपरा पहाड़ मे स्थित दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर का क्या है रहस्य जानिए इस रिपोर्ट मे।
Maihar News :मैहर जिले के अमरपाटन अंतर्गत आने वाले पपरा पहाड़ स्थित दक्षिणमूखी हनुमान जी का एक अनोखा रहस्य है जहाँ पर मंदिर तो है पर इस मंदिर मे छत नहीं है इसकी भी एक वजह बताया जाता है आज से कई सौ साल पहले इस जंगल मे खुद से हनुमान जी की मुर्ति प्रकट हुई ओर यहां पर कोई पुजारी दो दिन से ज्यादा नहीं रुक पाता था।
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एक दिन एक महाराज आये और उन्होने ने हनुमान जी के चरणों मे अपना जीवन अर्पित करने की बात कही और तब से इस मन्दिर मे पूजा पाठ की शुरुआत हुई है यहाँ के लोग की मान्यता है की यहां पर ज़ब भी कोई छत का निर्माण करवाता है तो या तो उसकी मौत हो जाती है या फिर वो पागल हो जाता है इसलिए आज भी यह मंदिर टीन शेड के सहारे है।
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Maihar News :इतना ही नहीं इस मंदिर से आस्था रखने वाले लोगो की मानता मुरादें भी पूरी होती है दूर दूर से लोग अपनी मुराद लेकर दक्षिणमूखी हनुमान मंदिर आते है पुजारी का कहना है की यहां पर पेड़ो मे बँधी सैकड़ो नारियल लोगो की मान्यता है मान्यता है की लोगो ज़ब अपनी कोई मुराद मांगते है तो पहले नारियल को चुनरी से इस पेड़ मे बांधते है और जब मान्यता पूरी हो जाती है तो इस नारियल को प्रसद के रूप मे चढ़ा देते है प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को इस मंदिर मे भक्तो का ताँता लगता और मानता पूरी होती वो इसी दिन यहाँ पर भंडारे का भी आयोजन करते है हर साल 1 जनवरी को विशाल मेले का भी आयोजन इस मन्दिर मे किया जाता है जहाँ लखो के तदाद मे भक्त शामिल होते है।
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Maihar News :वही इतिहासकारों की माने तो मैहर जिले का दक्षिणमूखी हनुमान मंदिर ये हनुमान मंदिर 6सौ वर्ष पुराना है खुद से ही हनुमान जी की मूर्ति यहां पर प्रकट हुई कई बार लोगो ने निर्माण करवाने का प्रयस किया पर कोई न कोई अनहोनी हुई जिसके बाद से निर्माण नहीं हो पाया कहते है की श्री दक्षिण मुखी हनुमान जी यहां तपस्या करते है और खुले आसमान के निचे रहना पसंद करते है शायद यही वजह है की निर्माण नहीं करने देते।