World Laughter Day :नैन कारे कजरारे, मतवारे बड़े प्यारे लगते हैं मय के वो,प्याले दो नशीले हैं

नैन कारे कजरारे, मतवारे बड़े प्यारे
लगते हैं मय के वो,प्याले दो नशीले हैं
नाजुक अदाओं वाली ,गालों में हया की लाली
हँस दे तो फूल झरें ,बोल भी सुरीले हैं
पढ़ी लिखी टिपटॉप, सुनती है हिपहॉप
गोरा रंग अंग अंग, सुघड़ गठीले हैं
बाबू शोना कह के वो, हमको पुकारे जब
ऐसा लगे हम ही तो,कुंवर सजीले हैं

Photo credit by satna times

लक्ष्मी का रूप लागे, सोये सब भाग जागे
ज़िन्दगी के अब सारे ,दिन ही रंगीले हैं
लख लख धन्यवाद, सास औ ससुर जी को
जिनकी कृपा से हुए,हाथ पाँव पीले हैं

बात जैसी बात नहीं, पर कोई बात नहीं
हमने तो सहना भी, दुख से ही सीखा है
जली कटी जो भी पाते, मौन होके सब खाते
रोटी हो या बात मिले, हलवा भी तीखा है
कल थी कुसुम कली,आज लगे छिपकली
सारे सुख सपनों का, हो गया पलीता है
आँसू के चलाती बाण,दिल में चले कटार
ब्लैकमेल करने का,सही ये तरीका है
कल थे जो रणवीर, आज लगे फटी खीर
आई बड़ी खुद को समझती दीपिका है
कहती है मेरी सारी , ज़िन्दगी खराब हुई
तुम संग ब्याह कर, भाग मेरा फूटा है
सुनते ही यह बात, सूख गए मेरे प्राण
जैसे कोई सपना कांच जैसा टूटा है
~प्राची मिश्रा
कवयित्री
नोएडा

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