सीहोर जिले के नसरुल्लागंज में लोकायुक्त पुलिस ने सहायक जेल अधीक्षक को 20 हजार की रिश्वत लेते हुए पकड़ा। सहायक जेल अधीक्षक महावीर सिंह बघेल ने अर्जुन पवार से जेल में बंद उनके नजदीकी लोगों से मुलाकात करने और प्रताडि़त न करने के लिए रिश्वत मांगी थी। बघेल पर पहले भी ऐसे आरोप लग चुके हैं।
दिसंबर में एक कथित वीडियो वायरल हुआ था। इसमें एक युवक बता रहा था कि मेरे परिवार का सदस्य नसरुल्लागंज जेल में बंद है, जिसका केस अदालत में चल रहा है। अदालत से जमानत के बाद कैदी को रिहा करने के निर्देश मिले, लेकिन बघेल रिश्वत मांग रहे हैं। हालांकि, पीडि़त के वीडियो वायरल करने के बाद सहायक जेल अधीक्षक ने कैदी को रिहा कर दिया। मामले में परिजन ने नसरुल्लागंज थाने में आवेदन देकर सहायक जेल अधीक्षक की शिकायत की थी, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की।
जेलर को भारी पड़ गई मिठाई!
गुरुवार रात 9 बजे लोकायुक्त की टीम ने सहायक जेल अधीक्षक महावीर सिंह बघेल को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते उस वक्त गिरफ्तार किया, जब शिकायतकर्ता अर्जुन पवार केमिकल युक्त 20 हजार रुपए देने के बाद मिठाई शब्द बोला। मिठाई शब्द बोलते ही वह पकड़ा गया। लोकायुक्त टीम का कोडवर्ड था, अफसरों ने पवार को यह पहले ही बता दिया था।
परिसर में बने आवास पर हुई कार्रवाई
बघेल जेल परिसर में बने आवास में परिवार के साथ रहते हैं। गुरुवार रात लोकायुक्त टीम शिकायतकर्ता के साथ जेल परिसर स्थित आवास पर पहुंची। टीम में डीएसपी सलिल शर्मा, निरीक्षक घनश्याम सिंह मर्सकोले, निरीक्षक आशीष भट्टाचार्य, निरीक्षक मयूरी गौर थे। इधर, अफसरों का कहना है, सहायक जेल अधीक्षक बघेल की संपत्ति की भी जांच कराई जाएगी।
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पांच जनवरी को आवेदक ने की थी शिकायत
आ वेदक अर्जुन पवार पिता बाबूलाल पवार निवासी वार्ड-11 बजरंगकुटी ने पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त भोपाल मनु व्यास को शिकायती आवेदन 5 जनवरी को दिया था। पीडि़त ने लोकायुक्त को बताया कि सहायक जेल अधीक्षक महावीर सिंह बघेल नसरुल्लागंज जेल में बंद उसके साले रामनिवास उर्फ भूरा एवं अन्य 4 लोगों को जेल में प्रताडि़त नहीं करने एवं उनसे मुलकात करवाने, सुविधाएं उपलब्ध करवाने की एवज में प्रत्येक से 20-20 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा है। आवेदक की शिकायत पर लोकायुक्त टीम ने उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया।