सतना ।। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के अनुसार 31 अगस्त को संपूर्ण मध्यप्रदेश में विमुक्ति दिवस के रुप में मनाया गया। इसी क्रम में बुधवार को सतना जिले में भी शासकीय इंदिरा कन्या महाविद्यालय के प्रियदर्शनी हॉल में विमुक्ति दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में सहायक संचालक पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण केके शुक्ला ने विमुक्ति दिवस पर विमुक्त जाति का इतिहास बताया एवं उज्जवल भविष्य के लिये संचालित योजनाओं की जानकारी दी।
उन्होने कहा कि राज्य सरकार विमुक्त जनजातियों के आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक सुधार के लिये लगातार कार्य कर रही है। इस अवसर पर कन्या महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ नीलम रिछारिया, सहायक संचालक पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक विभाग केके शुक्ला एवं विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्द्ध-घुमक्कड़ समुदाय के मनोनीत सदस्य भी उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि देश में वर्ष 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के बाद ब्रिटिश सरकार ने अनेक जनजातियों को उनकी स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका के कारण आपराधिक प्रवृत्ति का घोषित कर दिया था। इनमें अनेक जनजातियाँ विमुक्त थीं। देश के स्वतंत्र होने के बाद 31 अगस्त 1952 को इन जनजातियों के ऊपर से यह काला कानून संसद में एक बिल पास कर हटा दिया था। तब से 31 अगस्त को विमुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाता है। मध्यप्रदेश में 21 जनजातियां विमुक्त के रूप में जानी जाती हैं। राज्य सरकार विमुक्त जनजातियों के आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक सुधार के लिये लगातार कार्य कर रही है। विमुक्त जाति के सशक्तिकरण के लिये वर्ष 2021-22 से अगले पाँच वर्षों में चार घटकों शैक्षणिक सशक्तिकरण, स्वास्थ्य, आजीविका और भूमि विकास के कार्यक्रमों पर 200 करोड़ रूपये से अधिक की राशि खर्च की जा रही है।