सतना।।पटपर नाथ मंदिर स्थित श्रीमहादेव जी के जलअभिषेक कर संत चरण पूज्य रामदास महाराज जी के सानिध्य में एवम नागौद के गणमान्य नागरिक महाराज कुमार शिवेंद्र सिंह जूदेव जी उपस्थित रहे तत्पश्चात यात्रा का शुभारंभ किया गया झिंगोदर स्थित जिंघनाथ मंदिर जो एक ऐतिहासिक स्थान जो कि आमरन नदी का उद्गम स्थल के नज़दीक है संतचरण श्री रामह्रदयदास जी श्रीराम कुटी आश्रम चित्रकूट एवं श्री मदन गोपाल दास जी महाराज मुखारविंद कामतानाथ स्वामी इसके बाद राधेकृष्ण मंदिर में शुभारंभ किया गया जिसमें संतो के
मुखारविंद से आशीर्वाद और सफल यात्रा का आशीर्वादमिला।इसके बाद आमरण नदी के यात्रा है तो कस्टमर आते गई जिसमे यात्रा के संयोजक चंदनअग्रवाल जी द्वारा यात्रा की संपूर्ण जानकारी दी गई।जिसका जिसका मंच संचालन आनंद दुबे जी के द्वारा किया गया।नागौद में स्थित ऐतिहासिक नदी अमरन के पुनर्जीवन के लिए आज पदयात्रा का शुभारंभ कुरेही सेहवा से किया गया।अमरन नदी के तीनों उद्गम स्थल कर्दमेश्वर नाथ, बिचवा-सेहवा, कुरेही में पूजा अर्चना करने के बाद उन पवित्र स्थल से जल एवं मिट्टी को लाकर पटपरनाथ में संतोषी अखाड़ा के पूज्य संत श्री रामदास जी महाराज जी के माध्यम से अमरन नदी की पूजा अर्चना की गईं, साथ ही महाराज जी के आशीर्वचन प्राप्त हुए।यात्रा के दौरान ग्राम झिंगोदर में कामतानाथ परिक्रिमा के महंत संत पूज्य श्री मदनगोपाल जी महाराज एवं रामकुटी के पूज्य संत श्री रामहृदय जी महाराज द्वारा जल के महत्व को बताते हुए ग्रामीणों को इस पदयात्रा में शामिल होकर अपना सहयोग देने का कहा।पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के प्रांत संयोजक एवं प्रचारक श्री रामकृष्ण सोनी भाईसाहब ने कहा कि सभी ग्रामीण वाशियों को अमरन को अविरल एवं निर्मल बनाने के लिए मन बनाना पड़ेगा।इस पदयात्रा में पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के दायित्ववान कार्यकर्ता, एवं ग्रामीण वाशियों की उपस्थिति हुई।यह यात्रा आज कुरेही से होते हुए कारिमाटी, झिंगोदर, कोटा पहुँची।यहां रात्रि कालीन आमसभा का आयोजन किया जाएगा।एवं अमरन नदी के साथ साथ पर्यावरण संरक्षण विषय पर भी चौपाल लगाया जाएगा।अविरल अमरन पदयात्रा कल कोटा से सुबह 9 बजे ग्राम कोड़र, बमुरहिया होते हुए रमपुरा के लिए प्रस्थान करेगी।यह जानकारी पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के एनजीओ प्रमुख एवं प्रचार प्रसार प्रमुख सतेंद्र सिंह चौहान द्वारा दी गयी।