MP SINGRAULI NEWS सिंगरौली ।। जिले की खाद्यान्न वितरण व्यवस्था बेपटरी पर आ चुकी है। जिला खाद्य महकमा के कृपा पात्र से कई सेल्समैनों की मनमानी चल रही है। खाद्यान्न में कटौती एवं नियमित वितरण न करने की लगातार शिकायतें मिल रही हैं। जांच के नाम पर खाद्य महकमा कोरमपूर्ति कर दे रहा है। जिससे चुनावी साल में भाजपा सरकार की खूब किरकिरी हो रही है और ग्रामीणों में खाद्यान्न महकमे के खिलाफ भी नाराजगी के साथ-साथ उनकी कार्यप्रणाली से विश्वास उठता जा रहा है।
गौरतलब हो कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का साफ संदेश है कि यदि खाद्यान्न वितरण में अनियमितता हुई और उपभोक्ताओं को निर्धारित मात्रा में खाद्यान्न नहीं मिला, समय से राशन की दुकानें नहीं खुलीं तो ऐसी शिकायतें मिलने पर संबंधित विक्रेता के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी। खाद्यान्न माफियाओं को किसी भी हालत में बक्सा नहीं जायेगा। मुख्यमंत्री का यह संदेश शायद सिंगरौली जिले के खाद्य महकमा तक नहीं पहुंचा है। यही कारण बताय जा रहा है कि जिले की खाद्यान्न वितरण व्यवस्था करीब-करीब अस्त-व्यस्त होकर बेपटरी पर आ गयी है। ग्रामीण अंचलों से लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि समय से सरकारी राशन की दुकानें नहीं खुल रही हैं। सप्ताह में दो-तीन दिन ही अधिकांश राशन की दुकानें खोली जा रही हैं। सेल्समैनों की मनमानी का से उपभोक्ता त्रस्त हो चुके हैं। जिला मुख्यालय बैढऩ ब्लाक के हिर्रवाह एवं पिपरा के सेल्समैन से यहां के ग्रामीण त्रस्त हो चुके हैं। इन ग्रामीणों का आरोप है कि राशन वितरण में सेल्समैन के द्वारा मनमानी किया जा रहा है। शिकायत के बावजूद खाद्य महकमा महज जांच के नाम पर कोरमपूर्ति कर दे रहा है। पिपरागांव के उपभोक्ता केशकली का आरोप है कि दो-तीन माह से राशन नहीं मिला है।
सेल्समैन के द्वारा आज-कल वितरण करने की बात कर रोजाना टाल दे रहा है। केशकली की तरह ऐसे कई उपभोक्ता हैं जिन्हें खाद्यान्न के लिए राशन दुकान का चक्कर लगाना पड़ रहा है। दुकान कब खुलेगी इसका कोई समय सीमा नही रह गया है। यहां के उपभोक्ताओं ने विकास यात्रा पर भी सवाल उठाया और कहा कि यह विकास यात्रा महज दिखावा है हम लोग गरीब परेशान हैं यह कैसी विकास यात्रा है। फिलहाल जिले की खाद्यान्न वितरण प्रणाली बेपटरी पर होने और कई राशन दुकानों के सेल्समैनों पर विभाग के अमले का कृपा होने से सरकार के प्रति लोगों की नाराजगी बढऩे लगी है। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव पर भी कहीं विपरीत असर न पड़ जाये इस बात की चर्चाएं आम जनों के बीच जोर-शोर से होने लगी है।
जिले में खाद्यान्न माफियाओं की बढ़ी सक्रियता
जिले में खाद्यान्न माफियाओं की सक्रियता बढ़ गयी है। अधिकांश शिकायतें मिलती रहती हैं कि सरकारी खाद्यान्न की कालाबाजारी का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। सूत्र बता रहे हैं कि रातो-रात खाद्यान्न साहूकारों के गोदामों में खपा दिया जा रहा है। इसीलिए कई दुकानदारों के द्वारा दिसम्बर एवं जनवरी महीने का खाद्यान्न वितरण नहीं किया गया है। पीओएस मशीन के सर्वर डाउन होने के आड़ में खाद्यान्न कुछेक विक्रेता खाद्यान्न को रातो-रात बेच दे रहे हैं। पिछले माह बरगवां में दो विक्रेताओं के विरूद्ध की गयी बड़ी कार्रवाई भी इसी ओर इंगित करता है। चर्चाएं यह भी हैं कि सबसे ज्यादा खाद्यान्न की कालाबाजारी बगदरा उप तहसील क्षेत्र के कुछ विक्रेताओं के द्वारा किया जा रहा है। जहां रात के अंधेरे में एमपी पार कर यूपी पहुंचा दिया जा रहा है।
खाद्यान्न में कटौती,विभाग का अमला अंजान
उपभोक्ताओं को खाद्यान्न वितरण के दौरान एक-एक हितग्राहियों से दो से तीन किलो खाद्यान्न की कटौती कर ली जा रही है। ऐसी शिकायतें कई राशन दुकानों से मिल रही हैं। इस तरह की शिकायतें करीब छ: महीने से सर्वाधिक मिल रही हैं। कई उपभोक्ताओं का आरोप है कि शिकायत किये जाने के बावजूद खाद्य महकमा विक्रेताओं पर दरियादिली दिखा रहा है। आरोप यह भी लग रहा है कि कई राशन दुकानदारों से खाद्य निरीक्षकों का बेहतर तालमेल है और उनका महीने का फिक्स हिस्सा भी पहुंच जाता है। इसीलिए ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है।