सतना ।। उचेहरा के अतरबेदिया और पिथौराबाद के प्रभावित किसानों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम मुआवजे की मांग का ज्ञापन सौंपा। इस दौरान किसानों के साथ आई महिलाएं सड़क पर लेटकर परिक्रमा करती हुई कलेक्ट्रेट पहुंची।
जिले के उचेहरा क्षेत्र में पावर ग्रिड में टावर स्थापित कर पावर लाइनें खीचे जाने के मुआवजे की मांग का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। मुआवजे का मामला हाईकोर्ट में है और किसान टावर पर भी चढ़े हैं लेकिन कहीं से अभी तक समस्या का निराकरण नहीं हो पाया है। इस बीच गुरुवार को किसान अनोखे ढंग से विरोध प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। रैली की शक्ल में आए किसानों के साथ आई महिलाएं सड़क पर लेटकर परिक्रमा करती हुई कलेक्ट्रेट पहुंची। हाथों में अपनी मांगों के समर्थन में तख्तियां लेकर नारे लगाते पहुंचे। किसानों ने प्रभारी तहसीलदार प्रदीप तिवारी को मुख्यमंत्री के नाम सम्बोधित ज्ञापन सौंपा।
किसानों का कहना था कि उनकी जमीनों को पावर ग्रिड ने बर्बाद कर दिया और मुआवजा भी नहीं दिया। मुआवजा मांगने पर दमनात्मक कार्रवाई की जाती है। मुकदमा दर्ज कराया जाता है। हमारे साथी टावर पर चढ़े हैं। उन पर भी मुकदमा दर्ज कराया गया है और पकड़ने के लिए पुलिस भेजी जाती है। अपना हक मांगने पर दमन चक्र चलाया जाना अन्याय है। मजबूर होकर हमें महिलाओं समेत दंडवत परिक्रमा करते आना पड़ा है।
गौरतलब है कि पावर ग्रिड ने उचेहरा क्षेत्र के अतरबेदिया, पिथौराबाद क्षेत्र में खेतों में टावर खड़े कर हाईटेंशन लाइन खींची है। इसके एवज में मुआवजा वितरण में जमकर धांधली हुई नतीजतन कई अपात्रों और बिचौलियों को लाखों रुपए मिल गए तो कई पात्र आज भी मुआवजे के लिए भटक रहे हैं। किसानों ने कई बार आवेदन दिए, शिकायतें की लेकिन निराकरण नहीं हुआ। कई बार किसानों ने टावर पर चढ़कर भी विरोध जताया। इस बीच किसान मामले को हाईकोर्ट ले गए, जहां से स्थगन आदेश जारी हो गया।
इधर, किसान फिर टावर पर चढ़ बैठे तो पावर ग्रिड ने उन पर मुकदमा दर्ज करवा दिया। सांसद ने त्रिपक्षीय वार्ता भी की लेकिन मामला हाईकोर्ट में होने के कारण फिर भी नहीं निपटा।