CEO जगदीशन पर फ्रॉड के आरोप पर आई HDFC बैंक की सफाई, इस ट्रस्ट ने रिश्वत और धोखाधड़ी के मामले में दर्ज कराई FIR

लीलावती किरतिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट (LKMM Trust) ने HDFC बैंक के MD और CEO शशिधर जगदीशन के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं और उनकी तत्काल बर्खास्तगी की मांग की है. हालांकि, HDFC बैंक ने इन आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया है.

भारत के प्राइवेट बैंकों में से एक HDFC बैंक के बड़े अधिकारी को लेकर एक विवाद गहराता जा रहा है. लीलावती किरतिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट (LKMM Trust) ने HDFC बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO शशिधर जगदीशन के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं और उनकी तत्काल बर्खास्तगी की मांग की है. ट्रस्ट का कहना है कि CEO ने “वित्तीय धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, पद का दुरुपयोग, सबूतों के साथ छेड़छाड़ और न्याय में बाधा डालने” जैसे काम किए हैं. इन आरोपों के आधार पर ट्रस्ट ने CEO के खिलाफ FIR दर्ज कराई है.

बैंक ने किया आरोपों से इंकार

हालांकि, HDFC बैंक ने इन आरोपों को “पूरी तरह निराधार और दुर्भावनापूर्ण” बताया है. बैंक ने अपने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि स्प्लेंडर जेम्स लिमिटेड, जो कि मेहता परिवार की कंपनी है, ने 2001 में HDFC बैंक से लिए गए लोन पर डिफॉल्ट किया था. कुल बकाया राशि ₹65.22 करोड़ बताई गई है.

मामले को भटका रहा है ट्रस्ट

बैंक ने यह भी आरोप लगाया कि जब उन्होंने वसूली प्रक्रिया शुरू की, तो ट्रस्ट के सदस्यों ने CEO और वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करवाना शुरू कर दिया. इसमें आपराधिक शिकायतें, माइनॉरिटी राइट्स याचिकाएं और रेगुलेटरी बॉडीज को दी गई शिकायतें शामिल हैं, जिन्हें या तो खारिज कर दिया गया है या कोर्ट में चुनौती दी जा रही है

HDFC बैंक ने कहा, “यह आरोप केवल हमारी वसूली प्रक्रिया को रोकने का एक प्रयास है और यह एक बड़े कर्जदार द्वारा रणनीतिक रूप से संस्थान को बदनाम करने की कोशिश है.”

ट्रस्ट ने लगाया रिश्वत का आरोप

वहीं ट्रस्ट की ओर से परमानेंट ट्रस्टी प्रशांत किशोर मेहता ने कहा, “यह कोई निजी विवाद नहीं है, बल्कि एक सार्वजनिक धन और कानून के शासन से जुड़ा मामला है. बैंक अधिकारियों ने CSR फंड का दुरुपयोग कर स्टाफ को रिश्वत दी और सबूत मिटाने की कोशिश की. हम CEO की बर्खास्तगी की मांग करते हैं ताकि लोगों का भरोसा बहाल किया जा सके

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