सिंगरौली ।। जनपद पंचायत देवसर के ग्राम पंचायत खंधौली में प्रधानमंत्री आवास घोटाले मामले की जांच अब पुलिस ने धीरे-धीरे तेज कर दी है। जनपद के अन्य कर्मचारियों का बयान दर्ज कर चुकी है। वहीं तत्कालीन जिला एवं जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों का भी पुलिस बयान लेगी।
गौरतलब हो कि देवसर जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत क्षेत्र खंधौली में प्रधानमंत्री आवास योजना में व्यापक पैमाने पर भ्रष्ट्राचार हुआ है। इस बात की पुष्टि तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ के द्वारा की गयी थी।

जिनके निर्देश पर पीएम आवास प्रभारी ब्लाक क्वार्डिनेटर ने जियावन थाना में रोजगार सहायक प्रदीप मिश्रा के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराया था। पुलिस ने रोजगार सहायक के विरूद्ध विभिन्न धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध कर जांच पड़ताल शुरू कर दिये। पुलिस ने प्रथम दृष्टया जनपद एवं जिला पंचायत के जांच प्रतिवेदन को आधार मानकर मामला कायम कर जांच शुरू की। जिसमें पुलिस ने अभी तक पीएम आवास प्रभारी क्वार्डिनेटर, पूर्व में पदस्थ पंचायत सचिवों, उपयंत्री, पीसीओ को नोटिस जारी कर बयान ले चुकी है। सूत्र बता रहे हैं कि अब जियावन पुलिस तत्कालीन जनपद पंचायत के सीईओ बीके सिंह के साथ-साथ तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ साकेत मालवीय का भी बयान लेगी। यहां बताते चलें कि तत्कालीन जनपद पंचायत देवसर सीईओ बीके सिंह सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वहीं जिला पंचायत सीईओ साकेत मालवीय बतौर कलेक्टर के रूप में सीधी में पदस्थ हैं। सूत्र बता रहे हैं कि इन्हें विधिवत नोटिस जारी कर पक्ष लिया जायेगा। इधर चर्चा है कि करीब 10 महीने पूर्व उक्त पंचायत में 4 हितग्राहियों के द्वारा शिकायत भी की गयी थी कि आवास का लाभ नहीं मिल पा रहा है और इसमें गड़बड़झाला किया जा रहा है। किन्तु जिला पंचायत के आला अधिकारियों ने उक्त शिकायत को नजरअंदाज कर दिया। जिसके चलते पीएम आवास में व्यापक पैमाने पर गड़बड़झाला हुआ है। चर्चाएं यहां तक हैं कि जनपद के अधिकारी, कर्मचारी इस बात पर लगे हैं कि जल्द से जल्द पुलिस चालान पेश कर दे ताकि मामला तूल न पकड़े, अन्यथा यदि पुलिस निष्पक्ष एवं कानून कायदे के तहत विवेचना करेगी तो कई अधिकारी व कर्मचारियों पर पीएम आवास घोटाले की आंच आ सकती है। फिलहाल पीएम आवास घोटाले को लेकर जियावन पुलिस इन दिनों सक्रिय हो गयी है और जल्द ही तत्कालीन जनपद व जिला पंचायत के मुखिया को नोटिस जारी कर उनसे भी सवाल जबाव किया जायेगा। उक्त घोटाले को लेकर जनपद में अभी भी तरह-तरह के चर्चाओं का बाजार गर्म है।
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घोटाला होता रहा है और अधिकारी अंजान बने रहे!
चर्चाएं हैं कि ग्राम पंचायत खंधौली में पीएम आवास में अनियमितताएं होती रहीं। शिकायत के बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों ने गंभीरता नहीं दिखाई। यदि अधिकारी संजीदा होते तो शायद यह नौवत न आती। क्षेत्र में जन चर्चाएं यहां तक हैं कि पीएम आवास के अनियमितता की शिकायत के बारे में उपयंत्री, पंचायत सचिव, पीएम आवास प्रभारी ब्लाक क्वार्डिनेटर, पीसीओ, जिला एवं जनपद पंचायत के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को थी। लेकिन उस दौरान इसे गंभीरता से नहीं लिया। इसके पीछे तरह-तरह की बातें बाहर निकलकर आने लगी हैं और उक्त अमले की करतूत भी धीरे-धीरे जगजाहिर होने लगी है। सवा ल उठाया जा रहा है कि इतने बड़े घोटाले व हेरफेर में अकेले रोजगार सहायक हिम्मत नहीं कर पाता। कहीं न कहीं जिम्मेदार अधिकारियों का संरक्षण था। यही कारण था कि समय-समय पर मानीटरिंग नहीं की गयी और नहीं भौतिक सत्यापन किया गया। सब कुछ आंकड़ेबाजी कागजों में ही चलता रहा।
इनका कहना है
पीएम आवास घोटाले की जांच की जा रही है। संबंधित विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों के बयान व कथन लिये जा रहे हैं। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी उसी तरह कार्रवाई की जावेगी।
कपूर त्रिपाठी
टीआई, थाना जियावन