मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रानी दुर्गावती बलिदान दिवस पर जबलपुर में श्रद्धांजलि दी। उन्होंने रानी की वीरता, शासन-कौशल व जल संरक्षण प्रयासों की सराहना की। उनके नाम पर योजनाएं, पाठ्यक्रम में गाथा शामिल करने, अंतरराष्ट्रीय मैराथन और जबलपुर में चिड़ियाघर-रेस्क्यू सेंटर की घोषणा की।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर प्रदेशवासियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वीरांगना रानी दुर्गावती के अद्वितीय साहस, पराक्रम और प्रशासनिक क्षमता को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने वीरांगना दुर्गावती को भारतीय नारीशक्ति का प्रतीक बताते हुए कहा कि उनका जीवन केवल इतिहास नहीं, प्रेरणा की जीवित गाथा है।
बता दें कि सीएम मोहन यादव जबलपुर में वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रानी दुर्गावती की वीरता और आत्म-बलिदान की गाथा शिखरों से ऊंची है। वे न केवल युद्ध कला में पारंगत थीं, बल्कि कुशल प्रशासक भी थीं। उन्होंने अपने जीवनकाल में 52 युद्ध लड़े और 51 में विजय प्राप्त की। मुगल सेनापति आसिफ खां को तीन बार पराजित करने वाली यह वीरांगना गोंडवाना साम्राज्य की गौरव थीं, जिन्होंने 15 वर्षों तक 23,000 से अधिक गांवों का सफल संचालन किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रानी दुर्गावती की स्मृति में राज्य सरकार ने जबलपुर में विशेष कैबिनेट बैठक आयोजित की तथा उनकी 500 वीं जयंती को राज्य स्तरीय आयोजन के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। उनके नाम पर ‘रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना’ शुरू की गई है, जिसके अंतर्गत मिलेट्स की फसलों के समर्थन मूल्य में 1000 प्रति क्विंटल की वृद्धि कर 4000 किया गया है।
बच्चों को बलिदान गाथा पढ़ाएंगे
उन्होंने बताया कि रानी दुर्गावती के जल संरक्षण प्रयासों को दृष्टिगत रखते हुए सरकार ने तालाबों की शृंखला को संरक्षित करने और उनके नामों से जोड़ने की दिशा में भी कार्य किया है। रानी ताल, आधार ताल और संग्राम ताल जैसे जल स्त्रोत आज भी उनके पर्यावरणीय दृष्टिकोण का प्रमाण हैं। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने घोषणा की कि वीरांगना रानी दुर्गावती के जीवन व बलिदान की गाथा को प्रदेश के स्कूलों और महाविद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा, जिससे नई पीढ़ियां उनसे प्रेरणा ले सकें।
मैराथन दौड़ को देंगे अंतरराष्ट्रीय स्वरूप
वीरांगना रानी दुर्गावती के नाम पर जबलपुर में प्रतिवर्ष आयोजित 19 किलोमीटर की दौड़ को अब अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप ‘रानी दुर्गावती अंतरराष्ट्रीय मैराथन’ के रूप में 21 किलोमीटर की दौड़ आयोजित की जाएगी। प्रतिभागियों को 21,000, 11,000 और 5,000 रुपये के नकद पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने इस आयोजन के लिए मुख्यमंत्री निधि से 5 लाख की राशि नगर निगम को स्वीकृत करने की घोषणा की।
जबलपुर को मिला चिड़ियाघर और रेस्क्यू सेंटर की सौगात
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जबलपुर के विकास की दृष्टि से दो महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने बताया कि जबलपुर में जल्द ही ‘रानी दुर्गावती जू एवं रेस्क्यू सेंटर’ की स्थापना की जाएगी। यह केंद्र घायल और बीमार वन्य प्राणियों के संरक्षण हेतु समर्पित होगा, जिससे वन्यजीव पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि यह कार्यक्रम केवल एक श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि हमारी परंपरा, संस्कृति और नारी सम्मान का उत्सव है। उन्होंने उपस्थित जनसमूह से आह्वान किया कि वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान को जीवन की प्रेरणा बनाएं और उनके आदर्शों को नई पीढ़ी तक पहुंचाएं।